जाने क्या हैं धारा 377, कैसे बना ये एक ऐतिहासिक फैसला 💌 Section 377: Historic decision in Hindi

धारा 377 क्या है ? 💌 What is Section 377?

सुप्रीम कोर्ट में आपस में सहमति से समलैंगिक यौन संबंध बनाए जाने को अपराध की श्रेणीबद्ध में रखने वाली आईपीसी (IPC Act) की धारा 377 की वैधता को चुनौती दी गई थी | इससे जुडी सारी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुना दिया है | अब भारत में समलैंगिक संबंध (Homosexual relationship) अपराध नहीं होंगे | सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिन की सुनवाई के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था | ये मामला इन दिनों चर्चाओं में है | ऐसे में कई लोग आईपीसी की धारा 377 के बारे में जानना चाहते हैं | धारा 377 में अप्राकृतिक यौन संबंधों को अपराध के तौर परिभाषित किया गया है | इस धारा के मुताबिक जो कोई भी प्रकृति की व्यवस्था के विपरीत किसी पुरुष, महिला या पशु के साथ यौनाचार करता है, उसे उम्रकैद या दस साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है | भारतीय दंड संहिता Indian Penal Code (IPC Act) में समलैंगिकता को अपराध माना गया है | आईपीसी की धारा 377 के मुताबिक जो कोई भी किसी पुरुष, महिला या पशु के साथ प्रकृति की व्यवस्था के खिलाफ सेक्स करता है, तो इस अपराध के लिए उसे 10 वर्ष की सजा या आजीवन कारावास से दंडित किए जाने का प्रावधान है | उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा | यह अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है और यह गैर जमानती भी है |

हिंदुस्तान में 377 धारा 💌 377 Section in Hindustan in Hindi

  • सन् 1860 के शुरुआती काल (Early period) में  ब्रिटिश सरकार (British Government) ने भारतीय दंड संहिता में धारा 377 को शामिल किया गया
  • उसी समय उसको हिंदुस्तान में लागू कर दिया गया |
  • 1861 में जब लॉर्ड मेकाले ने इंडियन पीनल कोड यानी आईपीसी ड्राफ्ट (IPC Draft) किया तो उसमें इस अपराध के लिए धारा 377 का प्रावधान (Provision) किया गया
  • 1861 में मौत की सजा (Death Penalty) का प्रावधान भी हटा दिया गया |

    About Section 377 In Hindi
    About Section 377 In Hindi

अपराध नहीं कई देशों में समलैंगिक यौन संबंध 💌 Crime is not gay sex in many countries in Hindi

  • कोलंबिया (Colombia)
  • आयरलैंड (Ireland)
  • स्कॉटलैंड (Scotland)
  • इंग्लैंड (England)
  • अमेरिका (America)
  • वेल्स (Wells)
  • माल्टा (Malta)
  • जर्मनी (Germany)
  • फिनलैंड (Finland)
  • ग्रीनलैंड (Greenland)
  • लक्जमबर्ग (Luxembourg)
  • ब्राजील (Brazil)
  • फ्रांस (France)
  • न्यूजीलैंड (New zealand)
  • उरुग्वे (Uruguay)
  • डेनमार्क (Denmark)
  • अर्जेंटीना (Argentina
  • पुर्तगाल (Portugal
  • आइसलैंड (Iceland)
  • स्वीडन (Sweden)
  • नॉर्वे (Norway)
  • स्पेन (Spain)
  • नीदरलैंड (Netherlands)
  • बेल्जियम Belgium)
  • कनाडा (Canada)
  • दक्षिण अफ्रीका (South Africa)

इन देशों ने समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है |

धारा 377, कैसे बना ये एक ऐतिहासिक फैसला 💌 Section 377, how to make this a historic decision

  • सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला (Historic decision) सुनाया है, सर्वोच्च अदालत ने कहा कि देश में दो बालिगों के बीच समलैंगिक संबंध अब अपराध नहीं हैं।
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने दो बालिगों के बीच सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंधों को आपराध मानने वाली धारा 377 को खत्म कर दिया है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को मनमाना (Arbitrary) करार देते हुए व्यक्तिगत पसंद को सम्मान देने की बात कही है।
  • यदि दो व्यस्क आपसी सहमति से अगर एकांत में सम्लेंगिक सबंध बनाते हैं तो इसे आईपीसी की धारा 377 के तहत उसे अपराध नही माना जाएगा |
  • सरकार ने इसे हटा कर एक इतिहास रच दिया और इसे एक ऐतिहासिक फैसला बना दिया |

 


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