ई-वे बिल क्या है, इसको कब बनवाया जाता है 📝 What is E-way bill, When is it made ?
भारत में जीएसटी/ GST in india के तहत कारोबार करने वालों को 50 हजार रुपए से अधिक/ More than fifty thousand rupees का माल ट्रांसपोर्ट से भेजने पर, उसके साथ में ई-वे बिल होना अनिवार्य/ Mandatory to have E-Way Bill कर दिया गया है। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि E Way Bill क्या है? कौन जारी कर सकता है और कैसे बनाया जाता है? साथ ही यह भी जानेंगे कि ई-वे बिल न होने पर, पेनाल्टी और कार्रवाई/ Penality and action क्या हो सकती है? इलेक्ट्रॉनिक तरीके/ Electronic method से बनाए जाने के कारण, इसे Electronic Bill कहते हैं। किसी गाड़ी से माल भेजने पर, उसके साथ में जो Electronic Bill भेजना पड़ता है, उसे Electronic Way Bill या E-Way Bill कहते हैं। भारत में, अब जीएसटी सिस्टम के तहत/ Under GST system, अगर किसी वाहन में 50 हजार रुपए से अधिक का माल भेजा जा रहा है तो उस वाहन के साथ में उसका E-Way Bill भी होना अनिवार्य है।
ई-वे बिल क्या है What Is E-Way Bill
किसी तरह की खरीदारी करने पर, जिस तरह कागज की पर्ची पर बिल बनाकर दिया जाता है। इसी तरह अब जीएसटी सिस्टम के अच्कोर्डिंग, कारोबार करने पर, कंप्यूटर की साहयता से ऑनलाइन बिल जारी करना पड़ता है। इलेक्ट्रॉनिक तरीके से बनाए जाने के कारण, इसे Electronic Bill कहते हैं। किसी गाड़ी से माल भेजने पर, उसके साथ में जो Electronic Bill भेजना पड़ता है, उसे Electronic Way Bill या E-Way Bill कहते हैं। भारत में, अब जीएसटी सिस्टम के तहत, यदि किसी वाहन में 50 हजार रुपए से अधिक का माल भेजा जा रहा है तो उस वाहन के साथ में उसका E-Way Bill भी होना जरुरी है।
GST सिस्टम लागू होने के पहले सेल्स टैक्स या राज्यों के VAT सिस्टम में भी इस तरह की व्यवस्था लागू रही है। पुरानी टैक्स व्यवस्थाओं में भी माल परिवहन के लिए कागज पर Bill बनता रहा है। पहले जो Bill कागज पर बनता था, अब वह कम्प्यूटर पर यानी Electronically बनेगा। उसके बाद इसे GST के नेटवर्क पर Upload कर दिया जाएगा।
किस स्थिति में ई-वे बिल जरूरी है
In which case e-way bill is necessary
यदि ट्रांसपोर्ट से भेजे जाने वाले माल की कीमत 50 हजार रुपए से ज्यादा है तो उसके लिए E-Way Bill बनाना जरुरी होगा। इसे GST के कॉमन पोर्टल पर अपलोड करना पड़ता है। इसकी जिम्मेदारी मुख्य रूप से माल भेजने वाले की होगी। लेकिन इसे आवश्यकता समझने पर, माल मंगाने वाला या माल वाहन से ले जाने वालाभी जारी कर सकता है।
माल अगर 50000 रुपए से अधिक कीमत का है। तो चाहे उसे राज्य के अंदर भेजा जा रहा हो, या राज्य के बाहर, हर तरह के माल ट्रांसपोर्ट के लिए E-Way Bill बनाना होगा। हालांकि कुछ खास सामानों के लिए कीमत की इस लिमिट में भी छूट दी गई है, जिनका उल्लेख हमने आगे किया है।
फॉर्म GST INS-1 क्या है What is Form GST INS-1
E-Way-Bill को दरअसल, जीसटी पोर्टल पर पर GST INS-1 Form के रूप में जारी किया जाता है। इसके बाद इसकी जानकारी माल के Supplier, उसके Transportar और Reciever को हो जाएगी।
Form GST INS-1 में दो भाग होते हैं-भाग A और भाग B।
- भाग A में माल की जानकारी भरी जाती है।
- भाग B में ट्रांसपोर्टर के बारे में जानकारी भरी जाती है।
ई-वे-बिल में क्या-क्या जानकारी भरनी होती है
What are the details to be filled in the e-way bill?
ई-वे बिल में माल भेजने वाले का डिटेल, माल ले जाने वाले Transport का डिटेल और माल पाने वाले बारे में डिटेल दर्ज करना होगा। जीएसटी नेटवर्क पर E-Way Bill अपलोड करते वक्त उसके लिए एक यूनिक E-Way Bill Number (EBN) जनरेट हो जाएगा। माल के आवागमन में भागीदार तीनों पक्षों, Supplier, Transporter और माल प्राप्त करने वाले, सबके लिए उस खेप का वही E-Way Bill Number रहेगा।
E-Way Bill में माल बेचने वाले को यह जानकारी देनी होती है कि वह किस सामान को बेच रहा है। उधर माल खरीदने वाले को यह जानकारी देनी होती है कि उसने किस सामान को खरीदा है। अगर सामान को वापस या रिजेक्ट कर दिया गया है तो इसकी भी जानकारी GST के पोर्टल पर देना अनिवार्य है। अगर माल प्राप्त करने या उसे Reject करने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई तो यह मान लिया जाएगा कि उसने माल को स्वीकार कर लिया है।
ई-वे बिल का फायदा Benefits of e-way bill
E- Way Bill सिस्टम लागू होने से सरकार, टैक्स प्रशासन और कारोबारी वर्ग, तीनों को सहूलियत रहेगी।
कारोबार का ज्यादा हिस्सा Tax की जद में आ जाने से सरकार को, ज्यादा मात्रा में Tax मिलेगा। राष्ट्रीय स्तर पर यह System लागू होने के बाद हर राज्य में एक जैसे नियम लागू हो जाएंगे। इससे एक राज्य से दूसरे राज्यों के बीच माल के आवागमन में सहूलियत रहेगी। साथ ही पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ साथ माल ट्रांसपोर्ट ज्यादा तेज गति से होगा। इससे कारोबारी माहौल को तेजी से Develop करने में मदद मिलेगी।
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