10 योगासन जो शरीर को खींचने व मजबूत बनाने का कार्य करते हैं? 10 yoga asanas that work to stretch and strengthen the body
शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए योग से संबंध बनाने के कुछ नियम
Some rules of connection with yoga to increase physical strength
- योग केवल शरीर को खींचना ही नहीं है, शरीर को खींचते रहने से कार्य क्षमता में कमी आती है।
- योग कामकाजी शक्ति बढ़ाता है जो कि प्रतिदिन के कार्यों में जैसे उठना, झुकना, बैठना, चलना आदि में सहायता करता है।
- अधिकतर योग मुद्राएं, विपरीत रूप से विशिष्ट श्वास पद्धति के साथ मिलकर केंद्रित और संकुचन की एक श्रृंखला बनाती हैं, जो लचीलेपन, गतिशीलता और शक्ति में लाभ पैदा करती हैं।
- योग मुद्राओं को सक्रिय विश्राम के दिनों में उपयोग करें या अपने प्रशिक्षण सत्र के बाद इन्हें करें।
- शक्ति प्राप्त करने के लिए तथा कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए, योग मुद्राओं का उपयोग अपने प्रशिक्षण सत्र के बाद करें, जिससे शरीर को कम से कम 24 घंटों का समय मिल सके स्वयं को पुनः स्थापित करने के लिए। शक्ति प्राप्त करने के लिए तथा कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए हमें अपने शरीर को कम से कम 24 घंटे का समय देना चाहिए जिससे हम स्वयं को पुनः स्थापित कर सकें।
- हालांकि योग मजबूत करने वाला है परंतु फिर भी यह गहन शारीरिक अभ्यास है। (यदि आप चाहो तो) आपका शरीर और खासतौर से आपके तंत्रिका तंत्र को कुछ समय चाहिए वापस सामान्य स्थिति में आने के लिए।
शरीर को खींचने तथा पुष्ट करने वाले मुख्य यौगिक व्यायाम या मुद्राएं
Main yogic exercises or postures that stretch & Strengthen the body
त्रिकोणासन / Trikonasana
उत्तहित्ता पारसवाकोणासन / Utthita Parsvakonasana
अधोमुख शवासन / Adho Mukha Svanasana
पारसवातोनासन / Parsvottanasana
वीरभद्रासन / Virabhadrasana
गोमुखासन / Gomukhasana
नटराजासन / Natarajasana
एकपदा राजा कपोतानासन / Eka Pada Raja Kapotasana
पारिवरत्ता अननेयासन / Low lunge with quad stretch variation
उत्कटासन / Utkatasana
त्रिकोणासन / Trikonasana
प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशियों और हड्डियों) के लाभ: यह हिप हिंज मूवमेंट पैटर्न को विकसित तथा गहरा करने में मदद करता है। इस आसन के अभ्यास से रीढ की हड्डी में लचीलापन आता है, कंधों के मध्य संतुलन ठीक होता है, पीठ के दर्द से आराम मिलता है, पेट फूलना ठीक होता है, पैलि्वक अंगों की मालिश होती है तथा सुदृढ़ बनते हैं। आसीन जीवन शैली और गलत उठने बैठने के ढंग में सुधार आता है, गर्दन की अकड़न को कम करता है, टखनों को मजबूत करता है।कंधे और, घुटनों तथा, बाहों और पैरों के जोड़ों को सुदृण करता है। यह आसन तंत्रिका तंत्र को संतुलित करता है जिससे मानसिक अवसाद दूर होता है। पैल्विक क्षेत्र तथा प्रजनन तंत्र मजबूत होता है
उत्तहिता पार्सवाकोणासन / Utthita Parsvakonasana
प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल(मांसपेशियों और हड्डियों) में लाभ: Increases mobility in hip flexion and external rotation.
हिप फ्लैक्शन और बाहरी गतिशीलता बढ़ जाती है। साइड योगा (योग) स्टेरच से बाहरी पीठ की मजबूती बढ़ती है तथा पीठ के दर्द में आराम मिलता है। यह पीठ की तथा रीड की हड्डी की बहुत सी समस्याओं का निदान करता है। यहां तक कि स्पाइनल डिस्क के विस्थापन को भी ठीक करने में सहायता करता है। अर्थराइटिस और निचली पीठ के दर्द डोरसल स्पाइन और कंधे, लूमबैग और साइटिका के दर्द में भी आराम देता है। यह छाती तथा टांगों की मजबूती बढ़ाता है। दमा के रोग को दूर करने के लिए इसको अपनी दिनचर्या में शामिल करें। कमजोर टखनों तथा कमजोर या टेढी टांगों को भी सुद्वढ करता है। यह सख्त हैमस्ट्रिंग, घुटनों तथा सपाट पैरों की समस्या भी ठीक करता है।
अधोमुख शवासन / Adho Mukha Svanasana
प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभ: यह रीड की हड्डी को विघटित करने के साथ-साथ पूरे सतही परत को जोड़ता है और मजबूत करता है। यह टखनों की गतिशीलता में फायदा करता है और स्नायुजाल को ठीक रखता है। इस आसन से कंधे, टांगे, रीढ की हड्डी तथा पूरे शरीर में खिंचाव आता है। यह पूरे शरीर को सुदृण करता है। खासतौर से बाहे, टांगे और पैर। यह थकान दूर करता है, शरीर को तरोताजा करता है और मन को शांत करता है।
पारसवात्तोनासन / Parsvottanasana
प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभ: पूरे शरीर को ठीक तथा संतुलित करता है- आंतरिक और बाहरी तौर पर। इस आसन से कूल्हे, हैमस्ट्रिंग, कंधे, रीढ़ की हड्डी और कलाइयां मजबूत होती हैं।इसके अतिरिक्त संतुलन और एकाग्रता बढती है।
वीरभद्रासन / Virabhadrasana
प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभ: वक्षीय विस्तार के साथ कंधों और कूल्हों को मोड़ना। इस आसन से पैरों और घुटनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इस से कंधे, बाँहे और पीठ भी मजबूत बनती है। इसके अतिरिक्त संतुलन और एकाग्रता बढ़ती है।
गोमुखासन / Gomukhasana
प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभ: कूल्हों की मांसपेशियों को खींचता है। यह मुद्रा एक अद्भुत उपकरण है तेज गति से हिप हिजिंग मूवमेंट के बाद विश्राम में लाने के लिए।इससे लैटिसिमस डोरसी विस्तारित होती है तथा छाती खुलती है।
नटराजासन / Natarajasana
प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभ: तंत्रिका तंत्र के केंद्र में शांति रखते हुए गहरे वक्षीय बदलाव से तंत्रिका तंत्र के केंद्र में शांति। इस आसन से पीठ और कूल्हों की अकड़न दूर होती है। पेट सपाट होता है तथा पाचन तंत्र अच्छा होता है। इससे पेट के निचले भाग को विश्राम मिलता है तथा उसकी मालिश होती है।
एकपदा राजा कपोतासन / Eka-Pada Raja Kapotasana
प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभ:गहरे स्तर पर कूल्हों के व्यायाम की सुविधा देता है। यह मुद्रा पीठ के निचले स्तर के दर्द में राहत देती है। यह ऊसंधि, पीठ तथा कूल्हों की हड्डियों में लचीलापन लाती है।
परिवरत्ता अजनेयासन / Low lunge with quad stretch variation
प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभ: क्वाडिरीसटस को लंबा करता है तथा घुटने के बल आने में सहायता करता है। इससे वक्षीय बदलाव होता है, क्वाडि्रसस और ग्लूटेस मांसपेशियां मजबूत होती हैं तथा जंघाओं और कूल्हों में ताकत आती है।
उत्कटासन / Utkatasana
प्राथमिक मस्कूलोस्कैलेटल (मांसपेशी और हड्डियों) के लाभ: रीढ की हड्डी, कूल्हों और छाती की मांसपेशियों का व्यायाम होता है। इस आसन से जंघा, टखने, टांगे और घुटनों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। खासतौर से यह मुद्राएं आपके (हैमस्ट्रिंग) पैर की माँसपेशियों को गतिशील करती हैं। आपके केशेरुकाओं को विघटित करता है। सख्त आईटी बैंड के कारण हुई जलन को कम करता है तथा कूल्हों की हड्डियों में गतिशीलता बढ़ाता है। खडे और बैठने की क्षमता को बढाता है, थोसेसिस विकसन में मदद करता है। पीठ के नीचे दर्द को कम करता है जिससे अधिक आराम मिल जाता है।
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