मलिक मुहम्मद जायसी जीवन परिचय 🔅Biography of Malik Muhammad Jayasi in Hindi tips

जीवन परिचय /Life introduction

सन 1942 में उत्तर प्रदेश के अमेठी (Amethi, Uttar Pradesh) में जायस के निकट मलिक मोहम्मद जायसी का जन्म हुआ था| जायस स्थान के कारण ही वह जायसी कहलाए| उन्हें उस जमाने का सिद्ध और पहुंचा हुआ फकीर (Saint) माना जाता था उन्होंने अपने काव्य में सैयद अशरफ (Syed Ashraf) और शेख बुरहान (Sheikh burhan) का अपने गुरुओं (Gurus) के रूप में उल्लेख किया था जैसी सूखी प्रेम मार्गी शाखा के सर्वश्रेष्ठ कवि माने जाते हैं और उनका पद्मावत प्रेमाख्यान परंपरा का सर्वश्रेष्ठ प्रबंध काव्य (Best management poetry) है| भारतीय लोक कथा(Indian folk tale) पर आधारित इस प्रबंध काव्य में उन्हेल देश की राजकुमारी The country’s princess Padmavati पद्मावती और चित्तौड़ के राजा रतन सेनKing Ratan Sen of Chittor  के प्रेम की कथा है|

कृतियाँ /Creations)

इसमें अलौकिक कथा (Supernatural story) का वर्णन इस प्रकार किया है कि अलौकिक और सत्ता (Supernatural and power) का आभास (Inkling) होने लगता है इस वर्णन में रहस्य का गहरा पुत्र ईशा मिलता है यह लोग धर्म स्वरूप (Religion) मानव मात्र के लिए प्रेरणादाई(Inspiration)है या हुआ है या अध्याय में बैठी हुई नहीं है लगातार चलती रहती है कई जगहों पर शिक्षक के रूप में घटनाओं और प्रसंगों (Events and event) का उल्लेख अवश्य है जैसी ने इस काव्य रचना के लिए दोहा चौपाई की शैली(Doha style)अपनाई है| पहले जायसी द्वारा प्रयुक्त भाषा अवधि Awadhi है और काव्य शैली बहुत ही गंभीर और कविता का आधार लोग जीवन का व्यापक अनुभव है जायसी के काव्य में उपमा रूपक लोकोक्तियां और मुहावरे Proverbs and Idioms यहां तक की पूरी काव्य भाषा पर भी लोक संस्कृति का प्रभाव है जो उनकी रचनाओं को नया अर्थ और सौंदर्य प्रदान करता है पद्मावत रावत और आखिरी कलाम जैसे के प्रमुख काव्य कृतियां हैं पदम पद्मावत उनकी प्रसिद्धि का प्रमुख आधार है|

रचनाएँ / Compositions

जायसी के शिक्षक शेख मुबारक शाह बोडले Sheikh Mubarak Shah Bodley थे, जो शायद सिमनी के वंशज थे| इतिहासकारों के अनुसार जायसी के ग्रंथो की संख्या 20 बताई जाती है परन्तु इनमें से “पद्मावत” “अखरावट” “आखिरी कलाम” “कहरनामा” और “चित्ररेखा” पांच ही उपलब्ध हैं. इनमे से पद्मावत सबसे प्रसिद्ध महाकाव्य हैं| जायसी ने बाबर के शासनकाल में ही आखिरी कलाम (1529-30) और पद्मावत (1540-41) की रचना की थी|

कुछ इतिहासकारों के अनुसार अमेठी के राजा रामसिंह ने पद्मावत के कुछ अंशों को सुनने के बाद अपनी अदालत में आमंत्रित किया था| कुछ लोगों का यह भी मानना था कि मलिक मोहम्मद जायसी के आशीर्वाद से ही राजा रामसिंह को दो पुत्रों की प्राप्ति हुई थी|

मलिक मोहम्मद जायसी ने पद्मावत में अपने चार मित्रों का उल्लेख किया. वे चार मित्र युसुफ़ मलिक, सालार एवं मियाँ सलोने और बड़े शेख थे. चारों की विशेषताओं का वर्णन इसमें किया गया था परन्तु इन लोगों का भी कोई प्रमाणिक परिचय उपलब्ध नहीं है| आचार्य रामचंद्र शुक्ल जायसी को एक प्रमुख कवि के रूप में मानते थे| इसलिए मलिक मोहम्मद जायसी हिन्दी साहित्य के भक्ति काल की निर्गुण प्रेमाश्रयी धारा के कवि हैं|

निधन Death

मलिक मोहम्मद जायसी की मृत्यु को लेकर भी कई विरोधाभास Contradiction हैं| क़ाज़ी सैयद हुसेन Qazi Syed Hussain की अपनी नोटबुक के अनुसार वर्ष 1542 में मलिक मुहम्मद जायसी की मृत्यु हुई थी| कहा जाता है कि इनका देहांत अमेठी के आसपास के जंगलो में हुआ था| अमेठी के राजा ने इनकी समाधी बनवा दी, जो अभी भी मौजूद हैं| प्रचलित कहानी के अनुसार जब मलिक मोहम्मद अपना जीवन अमेठी के जंगलों में व्यतीत कर रहे थे| तब वे एक बाघ में बदल जाते थे| एक दिन राजा के शिकारियों ने शिकार करते समय उस बाघ को मार डाला|


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