रघुवीर सहाय जी का जीवन परिचय ❣ Biography of Raghuvir sahay in Hindi tips
जीवन परिचय (1929-1990)
सन 1929 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ (Lucknow, Uttar Pradesh)में जाने माने लेखक श्री रघुवीर सहाय जी का जन्म(Born) हुआ था| रघुवीर जी की गणना (counting)हिंदी साहित्य(Hindi literature) के उन कवियों में की जाती है जिनकी भाषा और शिल्प(The craft) में पत्रकारिता(Journalism) का प्रभाव साफ़ नज़र आता है| तथा रघुवीर जी की रचनायो (Creation)में आम आदमी की व्यथा(Soreness) साफ़ साफ़ झलकती है| रघुवीर जी का विवाह विम्लेश्वरी सहाय (Vimleshwari sahay) से सन 1955 में हुआ था| वह अपने परिवार के प्रति काफी वफादार थे| वह अक्सर अपनी पत्नी से बेठ के अपनी रचनायो के बारे में विचार विमर्श (discussion) किया करते थे| वेसे तो बचपन से रघुवीर जी बेहद आत्मनिर्भर(self dependent) एवं पढ़ाकू मिजाज़ के व्यक्ति थे पर कभी कभी वह अपने सख्त व्यक्तित्व (personality) की वजह से खुद को अकेला पाते थे|
प्रारम्भिक शिक्षा (Elementary education)
रघुवीर जी की प्रारम्भिक शिक्षा लखनऊ Lucknow, Uttar Pradesh में ही हुई थी| रघुवीर जी बचपन से ही पढाई में बहुत तेज थे| मैट्रिक (Matriculation) करने के बाद रघुवीर जी ने लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) से 1951 में अंग्रेजी साहित्य(English literature)में एम. ए. किया| अंग्रेजी के साहित्य में एम. ए. करने के बाद भी रघुवीर जी ने अपनी कविताओं को हिंदी भाषा में लिखना उचित समझा क्योकि रघुवीर जी का हिंदी के प्रति काफी गहर रिश्ता है|
कार्य एवं रचनाएँ (Works and compositions)

व्यवसायिक रूप से रघुवीर सहाय जी पत्रकार(Journalist) थे| सबसे पहले उन्होंने प्रतीक (Prateek ‘symbol’)में सहायक संपादन(Assistant editing)के रूप में कार्य किया| उसके बाद उन्होंने आकाशवाणी (Akaashvaani) के समाचार विभाग में भी कार्य किया| कुछ समय तक मैं हैदराबाद (Hydrabad) से प्रकाशित होने वाली पत्रिका कल्पना (Kalpana) के संपादक से भी जुड़े रहे और कई वर्षों तक उन्होंने दिनमान(Dinmaan)का संपादन किया रघुवीर सहाय नई कविता के कवि हैं उनकी कुछ कविताएं आगे द्वारा संपादित दूसरा सप्तक में संकलित कविता के अलावा उन्होंने रचनात्मक और विवेचात्मक(Creative and thoughtful)गद्ध भी लिखा है उनके काव्य संसार में आत्मक अनुभवों की जगह जन जीवन के अनुभवों की रचनात्मक अभिव्यक्ति(The expression)अधिक है| वे व्यापक सामाजिक संदर्भों के निरीक्षण (inspection)अनुभव, और बोध को कविता में व्यक्त करते हैं| रघुवीर सही जी ने काव्य रचन में अपनी पत्रकार दृष्टि का सार्ज्नात्मक उपयोग किया है| वे मानते हैं कि अखबार की खबर के भीतर छुपी हुई ऐसी खबरें होती हैं जिनमें मानवीय पीढ़ा(Human suffering) छिपी रह जाती है| उस छिपी हुई मानवीय पीढ़ा की अभिव्यक्ति करना कविता का दायित्व(Responsibility)है| इस काव्य दृष्टि के अनुरूप से ही उन्होंने अपनी नवीन दृष्टि (New vision) से काव्य-भाषा (Poetry)का विकास किया है|
भाषा शैली (language style)
सटीकता(Accuracy)दो टूकता और विवरण प्रधानता(Detail priority)उनकी काव्य भाषा की विशेषताएं हैं| वे हमेशा अनावश्यक व अर्थहीन शब्दों के प्रयोग से बचते रहे हैं “भैया क्रांत अनुभव की आवे कर रहे” अभिव्यक्ति उनकी कविता की प्रमुख विशेषता है रघुवीर सहाय जी ने मुक्त छंद के साथ-साथ छंद (The verses) में भी काव्य रचना की है जीवन के अनुभवों (Life experiences) की व्यक्ति के लिए एक कविता की संरचना से कथा या वृतांत(Story or story) का उपयोग करते हैं
साहित्यिक कृतियां एवं पुरस्कार (Literary works and awards)
रघुवीर सहाय जी की साहित्यिक कृतियां “सीढ़ियों पर धूप में”, “आत्महत्या के विरुद्ध”, “हंसो हंसो जल्दी हंसो” और “लोग भूल गए हैं|” प्रकाशित हुई है जिनमें उनकी लगभग सभी रचनाएं संग्रहित(Stored) है “लोग भूल गए हैं” काव्य साहित्य अकादमी पुरस्कार(Sahitya Academy Award)भी मिला था|
निधन (Death)
रघुवीर जी का निधन सन 1990 में हुआ था|
Discover more from Hindi Tips 📌
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
