चक्रवात क्या हैं ? कारण, प्रभाव और बचाव What is Cyclone ? causes, effect and rescue

चक्रवात क्या हैं ? (What is Cyclone ?) 

जब वायुमंडल में चारो और से दाब कम ओर गर्म हवाओं की तेज आंधी हो को ही चक्रवात (Cyclone) कहते हैं। पृथ्वी के वायुमंडल में हवा होती है। समुद्र के ऊपर भी जमीन की तरह ही हवा होती है। हवा हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ बहती है। जब हवा गर्म हो जाती है तो हल्की हो जाती है और ऊपर उठने लगती है। जब समुद्र का पानी गर्म होता है तो इसके ऊपर मौजूद हवा भी गर्म हो जाती है और ऊपर उठने लगती है। इस जगह पर निम्न दाब का क्षेत्र बनने लग जाता है। आस पास मौजूद ठंडी हवा इस निम्न दाब वाले क्षेत्र को भरने के लिए इस तरफ बढ़ने लगती है। लेकिन पृथ्वी अपनी धुरी पर लट्टू की तरह घूमती रहती है। इस वजह से यह हवा सीधी दिशा में ना आकर घूमने लगती है और चक्कर लगाती हुई उस जगह की ओर आगे बढ़ती है। इसे चक्रवात कहते हैं |साइक्लोन, हरिकेन और टाइफून, ये तीनों ही चक्रवाती तूफान होते हैं |

चक्रवात के दो भेद इस प्रकार है :-

उत्पत्ति के क्षेत्र के आधार पर चक्रवात के दो भेद हैं :

  1. वलकियक चक्रवात या उष्ण कटिबंधीय चक्रवात  (Tropical cyclone)
  2. उष्णवलयपार चक्रवात चक्रवात या शीतोष्णकटिबंधीय चक्रवात या बाह्योष्णकटिबंधीय (Extra tropical cyclone या Temperate cyclones) उष्णवलयिक चक्रवात – ये वायुसंगठन या तूफान हैं, जो उष्ण कटिबंध में तीव्र और अन्य स्थानों पर साधारण होते हैं। इनसे प्रचुर वर्षा होती है

उष्ण  कटिबंधीय चक्रवात

उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की अधिकतम बारंबारता पूर्वी चीन सागर में मिलती है और इसके बाद कैरिबियन, हिन्द महासागर और फिलीपिन्स उसी क्रम में आते हैं |

  1. उत्तरी अटलांटिक महासागर – वर्ड अंतरीप का क्षेत्र, कैरबियन सागर, मैक्सिको की खाड़ी, पश्चिमी द्वीप समूह |
  2. हिन्द महासागर – बंगाल की खाड़ी, अरब सागर, मॉरिसस, मेडागास्कर एवं रियूनियन द्वीपों के क्षेत्र |
  3. प्रशांत महासागर – दक्षिणी चीन, जापान, फिलीपिन्स, कोरिया एवं वियतनाम के तटीय क्षेत्र, ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको तथा मध्य अमेरिका का पश्चिमी तटीय क्षेत्र |

उष्ण कटिबंधीय चक्रवात की विशेषताएँ

  • इसका व्यास 80 से 300 किमी. होता है | कभी-कभी इनका व्यास 50 किमी. से भी कम होता है |
  • इनकी गति स्थल की अपेक्षा सागरों पर अधिक तेज होती है |
  • कभी-कभी एक ही स्थान पर ठहरकर तीव्र वर्षा करते हैं |
  • केंद्र में न्यून वायुदाब होता है

 शीतोष्ण चक्रवात प्रमुख विशेषताएँ

  • इनमें दाब प्रवणता कम होती है, समदाब रेखाएँ V अकार की होती है |
  • जल तथा स्थल दोनों विकसित होते हैं एवं हज़ारों किमी. क्षेत्र पर इनका विस्तार होता है |
  • धिकतर शीत ऋतु में उत्पन्न होते हैं |
  • इसमें ज्यादातर दो वताग्र होते हैं एवं वायु की दिशा वताग्रों के अनुसार तेजी से बदल जाती है |

चक्रवात से रक्षा करने के टिप्स 

  1. सबसे  पहले अपने घर को चेक करें, कि कहीं कोई पत्‍थर, टाइल्‍स, दरवाजा, खिड़की हिल तो नहीं रही है। अगर हां तो तुरंत मरम्‍मत करवायें। मकान के आस-पास लगे सूखे पेड़ों को कटवा दें।
  2. यदि आप वाहन चला रहे हों तो सावधानीपूर्वक चलाएं।
  3. रेडियो सुनें (ऑल इंडिया रेडियो के स्टेशन मौसम की चेतावनी देते हैं)।
  4. अफवाहों पर ध्यान न दें और उन्हें फैलाएं नहीं, इससे घबराहट की स्थितियों से बचने में मदद मिलेगी।
  5. चक्रवात की चेतावनी का मतलब है,खतरा 24 घंटे के भीतर है। सतर्क रहें।
  6. देरी कर असहाय होने का जोखिम नहीं उठाएं।
  7. बगैर पकाए खाया जाने वाला अतिरिक्त भोजन रखें। उचित रूप से ढके बर्तनों में पीने का अतिरिक्त पानी रखें।
  8. तूफान की लालटेन, टॉर्च या अन्य आपात रोशनी कार्यरत अवस्था में व अपनी नज़रों के सामने रखें।
  9. यह सुनिश्चित करें कि खिड़की और दरवाजे हवा की विपरीत दिशा में ही खोली जा सकती है।
  10. यदि चक्रवात का केन्द्र सीधे आपके घर के ऊपर से गुजर रहा है तो वहाँ हवा में शांति हो जाएगी और लगभग आधे घंटे तक बारिश होगी। इस समय के दौरान बाहर नहीं जाएं क्योंकि उसके तुरंत बाद विपरीत दिशा से बहुत तेज़ हवा बहेगी।

 

 

 


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