आप क्या चाहते हैं? इन 5 बड़ी मुश्किलों को नज़रअंदाज़ न करें / What do you want? Don’t ignore these 5 major problems.

तम्बाकू एक प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य संकट है, जो हर साल 80 लाख से अधिक लोगों की जान ले लेता है। यह हृदय, श्वसन संबंधी रोग और 20 से अधिक प्रकार के कैंसर का एक प्रमुख कारण है, जिसमें निष्क्रिय धूम्रपान से भी 16 लाख लोग समय से पहले मर जाते हैं। निकोटीन की अत्यधिक लत, विभिन्न रूप (धूम्रपान, धुआँ रहित, ई-सिगरेट) और इसके उत्पादन व सेवन के पर्यावरणीय प्रभाव इसे एक जटिल समस्या बनाते हैं।

तम्बाकू से होने वाली बीमारियाँ

  1. हृदय और श्वसन रोग: तम्बाकू का उपयोग कोरोनरी हृदय रोग, फेफड़ों के कैंसर, और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों का एक प्रमुख कारण है।
  2. कैंसर: यह 20 से अधिक विभिन्न प्रकार के कैंसर का जोखिम बढ़ाता है, जिसमें मुँह, ग्रासनली, और अग्न्याशय का कैंसर शामिल है।
  3. मुँह के रोग: धुआँ रहित तम्बाकू चबाने से दांतों का गिरना, सफेद धब्बे (ल्यूकोप्लाकिया) और मसूड़ों की बीमारी हो सकती है, जो मुंह के कैंसर का कारण भी बन सकती है।
  4. अन्य बीमारियाँ: मधुमेह, मोतियाबिंद, स्तंभन दोष, और कुल्हे के फ्रैक्चर का भी तम्बाकू के उपयोग से संबंध है।

निष्क्रिय धूम्रपान का प्रभाव

• निष्क्रिय धूम्रपान (सेकेंड-हैंड स्मोक) से भी गंभीर हृदय और श्वसन संबंधी बीमारियाँ होती हैं।
• हर साल निष्क्रिय धूम्रपान के कारण लगभग 16 लाख लोगों की समय से पहले मौत हो जाती है।

तम्बाकू के अन्य हानिकारक प्रभाव

पर्यावरणीय लागत: तम्बाकू उद्योग का पर्यावरणीय प्रभाव भी बहुत अधिक है। इसकी खेती के लिए वनों की कटाई, जीवाश्म ईंधन का उपयोग, और अपशिष्ट उत्पादों का पर्यावरण में फेंकना शामिल है।
आर्थिक बोझ: तंबाकू के कारण होने वाली बीमारियाँ और मृत्यु दर देशों पर भारी आर्थिक बोझ डालती हैं।

तम्बाकू नियंत्रण के उपाय

कानूनी प्रतिबंध: कई देशों ने राष्ट्रीय धूम्रपान-मुक्त कानून लागू किए हैं, जो तंबाकू के खतरों को कम करने में मदद करते हैं।
तम्बाकू निषेध दिवस: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाता है, जिसका उद्देश्य तंबाकू के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना है।
युवाओं की सुरक्षा: WHO सरकारों से युवाओं को नशे की लत और बीमारी से बचाने के लिए तंबाकू उत्पादों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आह्वान करता है।

तंबाकू खाने से पहले जान लें इससे होने वाले नुकसान

तंबाकू, एक ऐसा नाम जो कई लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, खैनी, जर्दा या पान मसाला—इन सभी में तंबाकू मौजूद होता है। लोग अक्सर इसे तनाव कम करने या सामाजिक आदत के रूप में लेते हैं, लेकिन इसके पीछे छिपे खतरों को नजरअंदाज कर देते हैं। आइए, जानते हैं कि तंबाकू का सेवन आपकी सेहत पर किस तरह से बुरा असर डालता है।

कैंसर का सबसे बड़ा कारण

तंबाकू में 7,000 से अधिक रसायन होते हैं, जिनमें से 70 से भी ज़्यादा कैंसर पैदा करने वाले तत्व (carcinogens) होते हैं। तंबाकू के सेवन से न सिर्फ फेफड़ों का कैंसर होता है, बल्कि मुंह, गले, जीभ, Esophagus (ग्रासनली), Bladder (मूत्राशय) और किडनी जैसे अंगों में भी कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। मुंह का कैंसर, जिसे अक्सर लोग हल्के में लेते हैं, तंबाकू खाने वालों में सबसे आम है।

हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा

तंबाकू में मौजूद निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे तत्व हमारे हृदय के लिए बहुत खतरनाक होते हैं। निकोटीन से रक्तचाप (blood pressure) बढ़ता है और हृदय गति तेज हो जाती है, जिससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसके नियमित सेवन से धमनियां (arteries) सिकुड़ जाती हैं और उनमें plaque जमने लगता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बहुत बढ़ जाता है।

श्वसन तंत्र को नुकसान

फेफड़े हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और तंबाकू सीधे उन्हीं पर हमला करता है। धूम्रपान करने वालों को Chronic Obstructive Pulmonary Disease (COPD) जैसी गंभीर बीमारियां होने की संभावना अधिक होती है, जिसमें क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और एम्फीसेमा शामिल हैं। ये बीमारियाँ सांस लेने में दिक्कत पैदा करती हैं और समय के साथ फेफड़ों को पूरी तरह से नष्ट कर सकती हैं।

दांतों और मसूड़ों की समस्या

तंबाकू का असर सिर्फ अंदरूनी अंगों पर ही नहीं, बल्कि बाहरी रूप से भी दिखाई देता है। गुटखा, खैनी या पान मसाला खाने से दांत पीले या काले हो जाते हैं। यह मसूड़ों को कमजोर करता है और पायरिया जैसी बीमारियां पैदा करता है, जिससे दांत ढीले होकर गिर सकते हैं। मुंह से हमेशा दुर्गंध आना भी इसकी एक सामान्य निशानी है।

प्रजनन क्षमता पर असर

तंबाकू का सेवन पुरुषों और महिलाओं दोनों की प्रजनन क्षमता (fertility) को बुरी तरह प्रभावित करता है। पुरुषों में शुक्राणुओं (sperm) की गुणवत्ता और संख्या घट सकती है, जबकि महिलाओं में यह गर्भधारण में दिक्कतें पैदा कर सकता है। गर्भवती महिलाओं द्वारा तंबाकू का सेवन करने से समय से पहले प्रसव (premature delivery) या बच्चे में जन्मजात विकार (birth defects) होने का खतरा बढ़ जाता है।

तंबाकू से दूरी ही है समाधान

तंबाकू का सेवन एक धीमा ज़हर है जो धीरे-धीरे आपकी जिंदगी को खत्म करता है। इसके नुकसान शारीरिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक भी होते हैं। यह न सिर्फ आपकी सेहत खराब करता है, बल्कि आपके परिवार को भी मुश्किल में डाल देता है।

अगर आप या आपका कोई जानने वाला तंबाकू का सेवन करता है, तो आज ही इसे छोड़ने का संकल्प लें। यह मुश्किल ज़रूर है, लेकिन असंभव नहीं। डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स की मदद से आप इस लत से छुटकारा पा सकते हैं और एक स्वस्थ, खुशहाल जीवन जी सकते हैं। याद रखें, जीवन अनमोल है—इसे तंबाकू के धुएं में न उड़ाएं।


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