हिंदुस्तान की धरती का “स्वर्ग जम्मू और कश्मीर” 💞 Hindi Tips for travel in Jammu and Kashmir
“धरती पर स्वर्ग” Jammu & Kashmir
जम्मू और कश्मीर “धरती का स्वर्ग” या “पृथ्वी का स्वर्ग”, लोग इसकी खूबसूरती को देख के ऐसे कई नायब नामो से पुकारते हैं | देश के बाकी हिस्सों से अलग जा रहा है, न केवल जलवायु परिस्थितियों लेकिन सामाजिक विविध और अद्वितीय संस्कृति कश्मीर देश के आराम से अलग हैं | इस की खुबसुरती के चर्चे पुरे विश्व में हैं | जम्मू-कश्मीर की शीतकालीन (Winters) राजधानी जम्मू अपनी विशिष्टताओं के कारण देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्रबिंदु है। अनेक जातियों, संस्कृतियों व भाषाओं का संगम बना यह प्रदेश एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है।
भारत का यह राज्य जम्मू, कश्मीर और लद्दाख जैसे तीन क्षेत्रों में बंटा हुआ है, जो महान हिमालय और पीर पंजाल श्रेणी की शक्तिशाली श्रेणियों से घिरा है।इसे अक्सर भारत का स्विटज़रलैंड भी कहा जाता है। यहाँ के प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे: अमरनाथ और वैष्णो माता मंदिर के कारण प्रत्येक बर्ष कई हजारों भारतीय और विदेशी पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करते हैं।

जम्मू और कश्मीर (Jammu & Kashmir) में इस जगह पर हैं घुमने लायक स्थान
श्रीनगर (Shrinagar)
जम्मू और कश्मीर के झेलम नदी के तट पर स्थित श्रीनगर J&K की ग्रीष्मकालीन राजधानी’ (summers) होने का गौरव प्राप्त रखती है। श्रीनगर ‘डल झील’ और इसके कई रंगीन ‘शिकारास’ और घर-नावों के लिए प्रसिद्ध है |
लेह लद्दाख (Leh laddakh)
देशी कम, विदेशी सैलानियों की सूची की पसंदीदा जगहों में सबसे ऊपर है | यहां जुलाई में आना चाहिए, क्योंकि तब तक काफी बर्फ पिघल जाती है और बर्फ के अलावा वो सारा सौंदर्य आप देख सकते हैं | लद्दाख का इतिहास दो हज़ार साल से भी ज़्यादा पुराना है और भूगोल के हिसाब से हिमालय व काराकोरम पर्वत शृंखला के बीच बसे इस भू-भाग पर समय समय पर ताकतवर रहे तमाम देशों की नज़र रही है | कश्मीर के डोगरा वंश के शासकों ने लद्दाख को 19वीं सदी में हासिल किया | लेह लद्दाख अपने कठिन रास्तों, खूबसूरत बर्फबारी और कई साहसिक गतिविधियों की वजह से भारत में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है | ब्लू पैंगोंग झील हिमालय में लेह-लद्दाख के पास स्थित प्रसिद्ध झील है, जो 12 से 15 किमी लंबी है और भारत से तिब्बत तक फैली हुई है |यह अपनी लवणता के बावजूद भी सर्दियों के मौसम में पूरी तरह से जम जाती है। इस झील को पैंगॉन्ग त्सो के रूप में भी जाना जाता है और यह लम्बे समय से लेह लाद्द्ख का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। लेह लद्दाख की एक खूबसूरत जगह होने के साथ यह कई फिल्मों की शूटिंग का हॉट-स्पॉट होने की वजह से इस झील को काफी लोकप्रियता मिली है। पैंगोंग झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता, क्रिस्टल जल और कोमल पहाड़ियाँ क्षेत्र के सुंदर परिदृश्य की वजह से एक लेह-लद्दाख का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
वैष्णो देवी (Vaishno Devi) दर्शन से पूरी होगी मनोकामना
भारत के राज्य जम्मू और कश्मीरमें स्थित वैष्णो देवी के प्राचीन मंदिर जम्मू-कश्मीर (Jam mu-Kashmir) के जम्मू क्षेत्र में कटरा नगर के पास की पहाड़ियों पर स्थित है | इन पहाड़ियों को त्रिकुटा पर्वत कहते हैं | यह पर लगभग 5,200 फीट की ऊंचाई पर मातारानी का मंदिर (Temple) स्थित है | यह तीन मूर्तियां हैं |देवी काली (दाएं), सरस्वती (बाएं) और लक्ष्मी (मध्य), पिण्डी के रूप में गुफा में विराजमान हैं | इन तीनों पिण्डियों के सम्मिलित रूप को वैष्णो देवी माता कहा जाता है | इस गुफा (cave) में एक बड़ा चबूतरा बना हुआ है. इस चबूतरे पर माता का आसन है जहां देवी विराजमान रहती हैं | भवन वह स्थान है जहां माता ने भैरवनाथ का वध किया था. प्राचीन गुफा के समक्ष भैरो का शरीर मौजूद है और उसका सिर उड़कर तीन किलोमीटर दूर भैरो घाटी में चला गया और शरीर यहां रह गया | जिस स्थान पर सिर गिरा, उस स्थान को ‘भैरोनाथ के मंदिर’ के नाम से जाना जाता है. कटरा से ही वैष्णो देवी की पैदल चढ़ाई शुरू होती है जो भवन तक करीब 13 किलोमीटर और भैरो मंदिर तक 14.5 किलोमीटर है |
गुलमर्ग (Gulmarg) घुमने के लिए सबसे हसीन
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