हवा महल के बारे में जानिए कुछ रोचक तथ्य 🛕Know some interesting facts about Hawa Mahal
हवा महल का इतिहास History of Hawa Mahal
हवा महल भारत के जयपुर Jaipur city, Rajesthan शहर में स्थित एक महल palace है। इसका नाम हवा महल Hawa Mahal इसलिये रखा गया क्योकि महल में महिलाओ ladies के लिये ऊँची दीवारे High Walls बनी हुई है ताकि वे आसानी से महल के बाहर हो रहे उत्सवो का अवलोकन Image overview कर सके और उन्हें देख सके। यह महल लाल और गुलाबी बलुआ पत्थरो Red and pink sandstone से बना हुआ है। यह महल सिटी पैलेस City Palace के किनारे पर ही बना हुआ है।
हवा महल का निर्माण कार्य Construction work of Hawa Mahal
इसका निर्माण 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह Maharaja Sawai Pratap Singh ने करवाया था। हिन्दू भगवान कृष्णा Indian god shree Krishna के मुकुट The crown के रूप में ही लाल चंद उस्ताद ने इसे डिज़ाइन कीया था। इस पाँच मंजिला ईमारत के बाहर समान आकर के शहद के छत्ते भी लगे हुए है और महल में 953 छोटी खिड़कियां भी है जिन्हें झरोखा कहा जाता है और इन झरोखो को बारीक़ कलाकृतियों से सजाया भी गया है।
उस समय महिलाये चेहरे पर जाली ढककर Forged ही बाहर निकला करती थी और दैनिक जीवन का अवलोकन Overview करती थी। उस समय महिलाओ को चेहरे पर “परदा” ढकना अनिवार्य था। कहा जाता है की इन जालियों net की मदद से उन्हें चेहरे face को ठंडी हवा भी लगती थी और तपती धुप Scorching sun में भी उनका चेहरा ठंडा रहता था।
हवा महल का पुनर्निर्माण Reconstruction of Hawa Mahal
पुरे 50 साल बाद 2006 में महल की मरम्मत repair की गयी, इस समय इस स्मारक का मूल्य Monument value तक़रीबन 4568 मिलियन Million रुपये बताया गया था। वहाँ के कॉर्पोरेट सेक्टर Corporate sector ने इस स्मारक की सुरक्षा का जिम्मा उठाया लेकिन बाद में भारत के यूनिट ट्रस्ट Union Trust ने यह जिम्मा उठाया।हवा महल के प्रसिद्ध होने के बाद इसके कॉम्पलेक्स को भी विकसित किया गया था। पर्यटको को बहोत सी इतिहासिक चीजे हवा महल में देखने मिलती है।महल में एक और आकर्षित करने वाली बात दीवार के मुड़े हुए किनारे है। जयपुर में बने दूसरे स्मारकों की तरह ही यह महल भी लाल और गुलाबी रंग के पत्थरो से बना हुआ है।
हवा महल के बारे में कुछ रोचक तथ्य Some interesting facts about Hawa Mahal
- बिना किसी आधार base के बना यह महल विश्व World का सबसे ऊँचा महल है।
- हवा के सामने की तरफ कोई प्रवेश द्वार Entry gate नही है। यदि आपको अंदर जाना है तो आपको पिछले भाग से जाना होंगा।
- हवा महल में कुल पाँच मंजिले total five floor है और आज भी यह महल सफलता से अपनी जगह पर 87 डिग्री के एंगल angle में खड़ा है।
- हवा महल “पैलेस ऑफ़ विंड्स” Palace of Winds के नाम से भी जाना जाता है।
- हवा महल में कुल पाँच मंजिले है।
- हवा महल में कुल 953 खिड़कियाँ Windows है जो महल को ठंडा cool रखती है।
- जयपुर के सभी शाही लोग ईस महल का उपयोग गर्मियों में आश्रयस्थल A place for shelter की तरह करते है।
- हवा महल को लाल चंद उस्ताद Laal Chand Ustaad ने डिज़ाइन Design किया था।
- यह महल विशेषतः जयपुर की शाही महिलाओ Royal Ladies के लिये बनवाया गया था।
- इस महल को बनाने का उद्देश्य शाही महिलाओ को बाज़ार markets और महल के बाहर हो रहे उत्सवो festivals को दिखाना था।
- एक एकमात्र ऐसा महल है जो मुग़लऔर राजपूत आर्किटेक्चरल स्टाइल Architectural style में बना हुआ है।
- यह महल बहोत से भारतीयो और अंतर्राष्ट्रीय फिल्मो International films का पसंदीदा शूटिंग स्पॉट shooting spot बना हुआ है।
- हवा महाल में ऊपरी मंजिल में जाने के लिए केवल ढालू रास्ता Sloping way है, वहाँ ऊपर जाने के लिये कोई सीढ़ी stairs नही बनी है।
- महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में हवा महल को बनवाया था।
- इसकी पाँच मंजिले पिरामिड Pyramid के आकार में बनी हुई है जो उसकी ऊँचे आधार से 50 फ़ीट बड़ी है।
- हवा महल की भगवान् श्री कृष्ण के राजमुकुट के आकार का बनाया गया है।
- हवा महल के खिड़कियों की जाली चेहरे पर लगे परदे का काम करती थी।
- हवा महल गुलाबी और लाल रंग के पत्थरो sandstone से बनाया गया है|
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