मध्याह्न भोजन योजना के बारे मे जाने Know about Midday Meal Scheme
हम जानते है कि हमारे देश में कई ऐसे नागरिक है, जो आर्थिक रूप से कमज़ोर होते है और उन सभी को अपना जीवन यापन करने में बहुत ही समसयाओ का सामना करना पड़ता है। भारतवर्ष में 15 अगस्त 1945 को को स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो को पौष्टिक भोजन की उपलब्धता और उनके अभिभावकों को अपने बच्चो को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की गयी थी। अब केंद्र सरकार द्वारा इस योजना का विस्तार करकर इसे एक नए सिरे से शुरू करने की योजना बनायीं जा रही है जिसके तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे गरीब बच्चो के माता पिता को सहायता के रूप में मिड डे मील राशन की किट प्रदान की जाएगी। दोस्तों यदि आप इस मिड डे मील योजना का लाभ लेना चाहते है, और केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई मिड डे मील स्कीम से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा अंत तक पढ़े।
मिड डे मील योजना न्यू अपडेट mid day meal scheme new update
केंद्र सरकार के माध्यम से शुरू की गई Mid Day Meal Yojana के द्वारा देश के बच्चों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा सहायता के रूप में धनराशि भेजी जाएगी। इस योजना के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक विशेष कल्याण उपाय के माध्यम से मध्याह्न्-भोजन योजना सभी पात्र बच्चों के लिए खाना पकाने की लागत के लिए धनराशि देने की योजना को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के लिए डीबीटी के द्वारा 11.8 करोड़ छात्रों को नकद धनराशि प्रदान करने की घोषणा की है, इसके माध्यम से मिड डे मील योजना को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना को भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को हर महीना 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न दिया जाएगा, यदि आप मिड डे मील स्कीम से संबंधित और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आप इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते है।
मिड डे मील योजना का उद्देश्य Objective of mid day meal scheme
हम सभी नागरिक जानते हैं कि हमारे देश में कई ऐसे छात्र हैं जो सरकारी स्कूलों से मध्याह्न भोजन प्राप्त करते है, इस मिड डे मील योजना के माध्यम से उन सभी छात्रों को मध्याह्न भोजन प्रदान किया जाएगा जो आर्थिकक रूप से कमज़ोर है और जिनके परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब है। ऐसे में कई छात्रों को एक वक्त का भोजन मिलने से अभिभावकों के घर का राशन बचाया जा सकता है, और इस Mid Day Meal Yojana को केंद्र सरकार ने शुरू किया है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू करने के पीछे इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है की देश में पढ़ने वाले सरकारी स्कूल के छात्रों के माता-पिता को राशन किट प्रदान की जाएगी।
मिड डे मील योजना क्यूँ शुरू की गई
why mid day meal scheme was started
छात्रों को कई उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करने के लिए भारत सरकार द्वारा मिड डे मील योजना को शुरू किया गया है। केंद्र सरकार के माध्यम से इस योजना के तहत उन सब गरीब छात्रों को जो सरकारी स्कूलो में पढ़ते है, उन सभी को दोपहर का भोजन प्रदान किया जाता हैं। इस Mid Day Meal Scheme शुरू में केवल विशेष श्रेणी के छात्रों लाभ देने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन अब इस योजना से 120,000,000 से अधिक लोग लाभान्वित होते हैं।
मिड डे मील योजना के नुक्सान क्या है
what are the disadvantages of mid day meal scheme
मिड डे मील योजना के तहत जो खाना बच्चों को सहायता के रूप में बच्चो प्रदान किया जाता है उस खाने गुणवत्ता काफी बुरी रहती है। इस योजना के तहत पहले कई वर्षो में देखा गया है कि दिए जाने वाले खाने को खाने से कई मासूम बच्चों की मृत्यु भी हुई है, इसके अलावा, इस योजना को सही से चलाने के लिए जो पैसे सरकार के माध्यम से मिलते हैं उन सभी पैसों का घोटला भी होता है और ऐसा होने से ना केवल बच्चों को घटिया खाना मिलता है बल्कि सरकार को भी काफी नुकसान होता है।
मिड डे मील योजना का बजट budget of mid day meal scheme
हम सभी जानते हैं कि यह केंद्र सरकार की मिड डे मील योजना है और इसे पूरे देश में लागू किया गया है, इसलिए इसका बजट भी बहुत बड़ा रखा गया है। सरकार ने इस बढ़ती महंगाई को देखते हुए मिड डे मील योजना का बजट में बढ़ा दिया है और अब खाने में हरी सब्जियों को भी शामिल कर लिया गया है। इससे पहले सरकार के माध्यम से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की थाली की कीमत 3.11 रखी गई थी, जिसे जुलाई से बढ़ाकर 4.65 कर दिया गया है और इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छात्रों के लिए थाली अनिवार्य कर दी है, और इस बजट के तहत हरी सब्जियां रखने के भी आदेश जारी किए गए हैं।
Discover more from Hindi Tips 📌
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
