क्या हैं लिव इन रिलेशनशिप, जानिए भारत में इसका क्या हाल हैं? 👫 What are Live in Relationships, know how is it in India? in Hindi
क्या हैं लिव इन रिलेशनशिप 👫 What are Live in Relationships in Hindi
अगर आप किसी के साथ रिलेशन यानि के रिश्ता में हैं रिश्ता एक जोड़े का हैं, जिसे आज कल हम पश्चिमी संस्कृति (Western Culture) का शब्द गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड (Girlfriend & Boyfriend) कहते हैं । भारत में भी इसका बड़ा जोरो शोरो से प्रचलन चल गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड की तरह रहते हैं अलग अलग घर में या फिर एक ही घर में जिसे अंग्रेजी भाषा (English Language) में लिव इन रिलेशनशिप कहते हैं मतलब की एक साथ पति -पत्नी की तरह बगैर शादी के एक ही घर में रहना। यदि आपको जिंदगी भर रहें लिव इन रिलेशनशिप में रहना हैं तो आप रहे । मगर, किसी रिश्ते को लंबे समय तक टिकाने के लिए उसके नियम-कानून (Live In Relationship Latest Law) और कुछ व्यवहारिक बातों को जानने के लिए कम से कम थोडा समय देना चाहिए।
आप लिव इन में हैं तो रखनी होगी सतर्कता 👫 You are in live in then you need to be cautious
हम आपका लिव इन में रहने का फैसला कितना सही और कितना गलत हो सकता है ये तो नहीं बता सकते, लेकिन इसमें थोड़ी सतर्कता रखनी चाहिए । लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए आपका उत्साह (Excitement) समझ सकते हैं। यदि कोई सिर्फ मौज-मस्ती के हिसाब से लिव इन रिलेशनशिप का चुनाव कर रहा है तो उनको संभलने की जरुरत है थोडा सोचने की ज़रूरत हैं |

आप भले ही लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए शादी नहीं करते लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप जब दिल किया रह लिए और निकल पड़े। अब आपको लिव इन रिलेशनशिप के साइड इफेक्ट (side effects of live in relationship) के बारे में जान लेना चाहिए। सबसे पहली बात हम आपको ये बता दे कि लिव-इन में रहने वाले लोगों के लिए अपने पार्टनर के साथ रिलेशनशिप होने की बात साबित करना बहुत ही मुश्किल होता है। यदि परिस्थिति जन्य साक्ष्य (circumstances evidence) यानी की रेंट एग्रीमेंट, जॉइंट बैंक अकाउंट, पार्टनरशिप बिजनेस के दस्तावेज या फिर बायलॉजिकल चाइल्ड के माध्यम से लिव-इन में होने की बात साबित भी हो जाती है, तो भी लिव-इन में रहने वाली महिला को पार्टनर की संपत्ति में कोई कानूनी अधिकार नहीं मिलता है। हालांकि महिला लिव-इन पार्टनर से गुजारा भत्ता के लिए दावा कर सकती है।
भारत में लिव इन रिलेशनशिप के नियम -कानून और मंजूरी 👫 Live in Relationship’s rules in India law and approval
- कानूनी मान्यताए (Legal beliefs)- सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 2013 में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर एक दिशा -निर्देश जारी किया था। जिसके मुताबिक जो रिश्ता पर्याप्त समय (sufficient time) से चल रहा है, इतना होना चाहिए कि वह टिकाऊ माना जा सके, ये कोर्ट तय करेगा। अगर दोनों भागीदार लंबे समय से अपने आर्थिक व अन्य प्रकार के संसाधन आपस में बांट रहे हों तो ये भी रिश्ता लिव इन ही कहलाएगा।
- गुजारा भत्ता (Maintenance allowance)– महिला लिव-इन पार्टनर को सिर्फ गुजारा भत्ता मिल सकता है | महिला लिव-इन भागीदार भी शादीशुदा पत्नी की तहत गुजारा भत्ता मांग सकती है। यह दावा सिर्फ पुरुष लिव-इन भागीदार के जीवित रहने पर ही किया जा सकता है। अगर पुरुष लिव-इन भागीदार की मौत हो जाती है, तो महिला भागीदार (Partner) को गुजारा भत्ता नहीं मिलेगा।
- लिव-इन में जन्मे बच्चों का क़ानूनी हक़ (Legal rights of live-born children)- लिव-इन में रहने वाली महिला को लिव-इन पार्टनर की संपत्ति पर भले ही कोई कानूनी अधिकार न मिले, लेकिन उनकी बायोलॉजिकल संतान को पूरे अधिकार मिलते हैं। हिंदू मैरिज एक्ट (Hindu Marriage Act) के तहत लिव-इन से जन्मे बच्चे को वो सभी कानूनी अधिकार मिलते हैं, जो शादीशुदा दंपति से जन्मे बच्चे को मिलते हैं। उनका कहना है कि लिव-इन से जन्मा बच्चा अपने जैविक पिता (Biological Father) की संपत्ति में हिंदू सक्सेशन एक्ट के तहत हिस्सा हासिल कर सकता है।
- शारीरिक संबंध बनाने का अधिकार (Right to have a physical relationship)- दोनों पार्टनर के बीच यौन संबंध की पूरी आजादी है। अगर रिश्ते में रहने के दौरान बच्चा पैदा होता है, तो रिश्ते को लिव इन माना जाएगा। यौन संबंध बनाने और बच्चे पैदा करना दोनों की इच्छा पर निर्भर करता है। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ लिव-इन रिलेशनशिप कानून बनाए गए हैं। इससे कोई पुरुष केवल सेक्स संबंध के लिए किसी लड़की के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद छोड़ ना सके। अगर वह छोड़ता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई (legal action) की जा सकती है। लिव इन में रहने वाली महिलाओं के पास वो सारे कानूनी अधिकार हैं, जो भारतीय पत्नी को संवैधानिक (As Constitutional) तौर पर दिए गए हैं।
पुरुषों को ध्यान देना योग्य बातें 👫 Things to be noted by men
यदि कोई भी पुरुष लिव इन रिलेशन में रह रहा है तो उसको एक पति (Husband) की तरह सारी जिम्मेदारी (Responsibility) उठाए। इसके साथ ही यदि आप बगैर धोखा दिए यानी आपसी सहमति से भी रिश्ता तोड़ते हैं तो भी कोर्ट के फैसले के आधार पर जुर्माना लग सकता है। इसके अलावा अगर छोड़ दिए तो भी जान नहीं बचने वाली।
नोट:- तो यदि आप लिव इन रिलेशनशिप में रह रहें तो लिव इन रिलेशनशिप से पहले खुद को आर्थिक और मानसिक तौर पर सक्षम बना लें। लिव-इन को कानूनी कवच जरूर पहना दिया है, मगर लिव-इन भागीदार को आज भी वो पूरे कानूनी अधिकार नहीं मिलते हैं, जो एक शादीशुदा महिला को अपने पति की संपत्ति में मिलते हैं. इसके चलते कई बार महिला लिव-इन भागीदार को खासी दिक्कतों (A lot of problems) का सामना करना पड़ता है तो आप ज़रा नियम -कानूनों के साथ चले |
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इस से तो अच्छा है दोनो शादी ही कर लें, या कोर्ट मैरिज
जिस तरह से समझ मे आ रहा है उस हिसाब से तो दोनो एक दूसरे पर विश्वास नही रख पाएंगे, और शक से बना रिश्ता कामयाब नही होता
एक पीड़ित पुरुष