क्या है पीसीओडी और पीसीओएस के संकेत, लक्षण और निवारन ✅ PCOD And PCOS’s Cause And Prevention

आज के जमाने में हर इंसान किसी ना किसी छोटी बड़ी बीमारियों से ग्रसित हैं लेकिन इसमें महिलाओं की स्थिति अधिक विचारनीय है | इस तरह के लाइफ स्टाइल से महिलाओं के द्वारा अपने शरीर को अनदेखा करने और ध्यान ना देने से विभिन्न प्रकार की परेशानिया और समस्याएँ पैदा होती है। जिनमें से एक है PCOD/PCOS बीमारी। कुछ सालों पहले तक यह समस्या 30-35 उम्र की महिलाओं में अधिक पाई जाती थी पर अब स्कूल जा रही बच्चियों और 20 वर्ष की महिलाओं में भी यह समस्या मामूली बात हो गई है। इस बिमारी से पीड़ित औरतों को इस के साथ साथ और भी अनेक बीमारियां होने का खतरा बना रहता है।

क्या है PCOD/PCOS

पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर Polycystic Ovarian Disease (PCOD) या पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) एक ऐसी बीमारी है। जिसमें आमतौर पर प्रजनन क्षमता वाली (Re-productivity) उम्र की महिलाओं में हॉर्मोन में असंतुलन (hormonal imbalance) के कारण पाई जाती है। इसमें महिला के शरीर में male हॉरमोन  ‘Androgen‘ का लेवल बढ़ जाता है व ओवरीज पर एक से ज्यादा सिस्ट हो जाते हैं। यह आनुवंशिक रूप से (Genetically) भी हो सकता है और ज्यादा वज़न होने पर भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। ज्यादा तनाव भरी जिंदगी भी इसका एक मुख्य कारण हो सकती है।

PCOD/PCOS के संकेत/ लक्षण 

जिन लड़कियों में पीरियड्स की समस्या देखने को मिलती है उन्हीं लड़कियों को पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) की समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर कम उम्र के चलते ही इस समस्या का पता लग जाए तो इसे काबू में किया जा सकता है।

  • बाल पतले होना या बालो का अत्याधिक रूप से गिरना
  • Pelvic pain होना
  • चेहरे पर मुंहासे आना
  • सिर दर्द का बार बार होना
  • वजन बढ़ना
  • मासिक धर्म (Mensuration) चक्र में समस्या
  • बहुत जल्थदी थक जाना
  • शरीर व चेहरे पर एक्सट्रा हेयर ग्रोथ होना
  • नींद की समस्याएं और मूड स्विंग आदि शामिल हैं
  • हाइ ब्लड प्रेशर, diabetes व दूसरे हॉर्मोन्स का असंतुलन भी इसके बढ़ने पर हो सकते हैं। ये कंडिशन ज़्यादा गंभीर होने पर महिला को pregnant होने में भी मुश्किल होती है।

PCOD/PCOS से बचाव या निवारण 

पीसीओएस ठीक नहीं हो सकता, लेकिन इसके साथ Healthy Food के साथ अपनी जीवनशैली और Daily Routine में थोड़ा बदलाव लाकर इस को रोका जासकता है।

  • पोष्वटिक आहार खाए वज़न कंट्रोल करें
  • हर रोज़  Exercise करें
  • सही लाइफस्टाइल का चुनाव करें
  • खान-पान का रखे ध्यान बहार बन्ने वाली चीज़े जेसे जंक फ़ूड ना खाए
  • घरेलू उपाय करें
  • अल्कोहल यानि की शराब का सेवन ना करे

तो महिलाए अब PCOD/PCOS से  घबराने की जरुरत नही बस जिंदगी मे ये छोटे- छोटे पर असरदार बदलाव लाएं और इसका डट कर मुकाबला करें।


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