गर्भावस्था में स्वयं का ध्यान केसे रखे ? How to take care of yourself during pregnancy

गर्भवती या गर्भावस्था एक महिला के गर्भाशय में किसी बच्चे या शिशु का विकास हो रहा हो तो उसे गर्भवती या Pregnant कहा जाता है और उस अवस्था को गर्भावस्था Pregnancy कहा जाता है।

गर्भावस्था में स्वयं का देखभाल कैसे करें? Pregnancy Care Week by Week Tips Hindi

गर्भावस्था के 9 महीने को 3 तिमाही Trimesters में हिसाब किया जाता है। वो कुछ इस प्रकार से हैं –

  • गर्भावस्था का पहला तिमाही 1-13वें सप्ताह तक (First Trimester of Pregnancy 1-13th Week)
  • गर्भावस्था का दूसरा तिमाही 14-27वें सप्ताह तक (Second Trimester of Pregnancy 14-26th Week)
  • गर्भावस्था का तीसरा तिमाही 28वें सप्ताह से बच्चे के जन्म सप्ताह तक (Second Trimester of Pregnancy Week 27th to Until the Baby is Born)

गर्भावस्था का पहला तिमाही 1-13वें सप्ताह तक (First Trimester of Pregnancy 1-13th Week)

एक महिला का पहला तिमाही या First Trimester बच्चे के विकास का बहुत ही महत्वपूर्ण (important) समय होता है। इस अवस्था में महिला के शरीर में शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन होगा। किसी किसी महिला को एहसास हो जाता है कि आप गर्भवती Pregnant हैं पर कुछ औरतों को इसका एहसास 4 या 5वें सप्ताह में होता है।इस तिमाही में बच्चे का विकास सबसे तेज़ी से होता है। ऐसे में ज्यदातर महिलाओं को अपने पहले तिमाही के 12वें सप्ताह तक बच्चे का एक  दिल की धड़कन  Heart Beat  सुनाई  देता है। पहले तिमाही में आपके शारीर में  हो सकता है शारीरिक रूप से आपको इन निचे दिए हुए बाद्लाव का अनुभव हो जेसे :-

  • थकावट महसूस होना – इस समय  महिला का शरीर की अधिकतर उर्जा  बच्चे के विकास में  लगी  रहती है। ऐसे में जब आप ज्यादा काम कर देते हैं उर्जा कम होने के कारण आपको थकावट महसूस हो सकता है। इसलिए आपको ऐसे समय में ज्यादा से ज्यदा आराम करना चाहिए। अगर आपको ज्यादा थकान महसूस हो तो थोड़ी देर सो जाएँ। गर हो सके तो इन समय में आप अपने साथी को ऑफिस से छुट्टी लेने को कह भी सकते हैं ताकि वे घर में आपकी कुछ मदद कर सकें।
  • उल्टी महसूस करना या होना – पहले तिमाही में आपको थोडा उल्टी लगने के जैसा महसूस हो सकता है। ऐसे में ज्यादा चटपटा और तेल युक्त खाने के कारण इसके लक्षण औत बढ़ जाते हैं। अगर आपको हद से ज्यादा उल्टी होने या लगने लगे तो जितना जल्दी हो सकते अपने डॉक्टर(Gynecologist) से मिलें।
  • बार-बार पेशाब लगना – हो सकता है आपको लगातार पेशाब आये। ऐसा आपके गर्भधारण करने के एक सप्ताह के बाद बहुत सारे महिलाओं को होता है। यह सह्रीर में प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन के बढ़ने के कारण होता है। इस समय शारीर ज्यादा से ज्यादा खून श्रोणि क्षेत्र(Pelvic Region) में भेजता है जिसकी वजह से मूत्राशय में जलन होता है और बार-बार पेशाब लगता है।
  • स्तनों में बदलाव – प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के बढ़ने के कारण पहले तिमाही आप स्तनों में भी कुछ प्रकार के बदलाव अनुभव कर सकते हैं। स्तनों के निप्पल का रंग गाढ़ा होना, स्तनों का बड़ा होना या छूने पर दर्द होना जैसे लक्षण आप देख सकते हैं।
  • बदहजमी – इस समय आपके बच्चे का पूरा वजन आपके पेट Stomach के ऊपर होता है ऐसे में आपको एसिडिटी भी हो सकता है और खाना के पाचन में असुविधा हो सकती है। अगर आपको ज्यादा acidity की प्रॉब्लम हो तो अपने डॉक्टर से इस विषय में बात करें।
  • पेट के नाभि के नीचे एक गाढ़ा रेखा बनना – गर्भाशय में शिशु का विकास होने के कारण खिचाव का पहला निशान आप एक गाढे रेखा के रूप में अपने पेट के मध्य से नीचे देख सकते हैं।
  • निप्पल में बदलाव – निप्पल का रंग गाढ़ा होना और उससे कोलोस्ट्रम  का निकलना शुरू हो सकता है। यह किसी भी होने वाले बच्चे के लिए पोषक तत्व होता है जो इस तिमाही में निकलना स्वभाविक है।
  • बच्चे के हिलने-डुलने का एहसास – यह हर गर्भवती महिला के लिए बहुत ही ख़ुशी की बात है की वह अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को महसूस कर। इस तिमाही के अंत तक आप अपने पेट में बच्चे का हिलना-खेलना महसूस कर पाएंगे।
  • सांस लेने में थोड़ी सी कमी – आपको इस तिमाही में थोड़ी सी सांस लेने में मुश्किल हो सकती है।
  • कमर में दर्द – बच्चे के विकास और वजन बढ़ने के कारण रीड की हड्डी पर जोर पड़ता है इसलिए कमर में दर्द होने की परेशानी होती है।

दुसरे तिमाही में इन चीजों का ध्यान रखें –

  • अपने डॉक्टर से 18-19वें सप्ताह में जरूर मिलें क्योंकि इस समय में ज्यादातर डॉक्टर अल्ट्रासाउंड Ultrasound करते हैं। इस Report से बच्चे के सही Position का पता चलता है और आप अपने पेट में पल रहे बच्चे को पहली बार देख भी सकते हैं और उसके दिल की धड़कन भी सुन सकते हैं।
  • अपने बच्चे की आपने की तईयारी शुरू कर दें और उसके लिए शूपिंग भी करना शुरू कर दें।
  • अच्छी प्रेरणादायक और बच्चे की देखभाल से जुडी पुस्तकें पढ़ें और घुस्सा बिल कुल ना करें।

गर्भावस्था का तीसरा तिमाही 28वें-40वें सप्ताह तक (Second Trimester of Pregnancy Week 28th-40th Week)

तीसरे तिमाहे में आपके मन में जरूर एक उमंग होगा क्योंकि आपके माँ बनने का समय अब बहुत पास होगा। अब आपके बच्चे का वजन और बढ़ गया होगा। इसके कारण आपको इस तिमाही में कुछ ज्यादा और नए लक्षण देख सकते हैं। इस समय गर्भ नाल में अम्निओटिक फ्लूइड Amniotic Fluid एक लीटर के आस-पास होता है जिसकी वजह से आपको थोडा मुश्किल अनुभव कर सकते हैं।

तीसरे तिमाहे में आपको कुछ इस प्रकार के 

  • सांस लेने में दिक्कत – विकसित होते हुए ग्राभाशय के कारण मध्य पेट / डायाफ्राम Diaphragm में दवाब बदने लगता है जिसके कारन सांस लेने में दिक्कत होती है। आखरी के कुछ सप्ताह में आकी यह मुश्किल दूर हो जाएगी जब बच्चा पेट के कुछ नीचे की तरफ खिसक जायेगा।
  • सोने में मुश्किल होना – पेट और बच्चे के बड़े होने के कारण सोने में मुश्किल पैदा हो सकती है। ऐसे में आप एक तकिये की मदद से सही तरीके से सो सकते हैं।
  • पेशाब का अपने आप निकल जाना – मूत्राशय पर ज्यादा दवाब पड़ने के कारण अपने आप पेशाब निकल जाता है। यह किसी चिंता का विषय नहीं है।
  • त्वचा में परिवर्तन – वैरिकाज़ नस दिख सकते हैं, पैरों के नसों में प्रेशर पड़ने के कारण। इसके विषय में जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अपने पैरों को ज्यादा मोड़ कर ना बैठे, अपने डॉक्टर से बात कें किन प्रकार के सुरक्षित व्यायाम कर सकते हैं। लम्बे समय तक खड़े ना हों और हो सके तो अपने पैरों को सोते समय थोडा सा ऊपर कर के सोएं इससे खून का प्रेशर कम होगा।
  • पेट, जांघ और कमर में खिचाव के निशान – Stretch Marks या खिचाव के निशान पेट पर, जांघ और कमर में आप आसानी से देख सकते हैं। ज्यादा खिचाव के कारण खिचाव के निशानों पर अत्यधिक खुजली होती है।

 


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