खुद को बेहतर बनाने के लिए कुछ टिप्स – Some tips to improve yourself

आत्म सुधार / Self Improvement अपने स्वयं के प्रयासों से ज्ञान, स्थिति या चरित्र में सुधार करना है। आत्म सुधार जीवन हर पहलू में खुद को बेहतर बनाने की खोज है। यदि आप अपने जीवन को बदलने/ Life Changing और खुद को बेहतर बनाने के बारे में गंभीर हैं, तो Self Improvement Tips द्वारा आप ऐसा कर सकते हैं। आत्म सुधार द्वारा आप अपने जीवन को इस तरह से बेहतर बना देते/ Make it better है जिससे आपको आपके लक्ष्य पर पहुंचना आसान  हो जाता/ Becomes easier है। सेल्फ इम्प्रूवमेंट/ Self improvement आपमें स्लेफ़ कॉन्फिडेंस/ Self confidence लाता है। जीवन को देखने के प्रति आपका नजरिया बदल जाता है और आप एक सफल जीवन जीते हैं। तो चलिए सफलता, शांति भरे जीवन की शुरुआत/ Starting of life करें। यहाँ जो  सेल्फ इम्प्रूवमेंट टिप्स दी जा रहीं ही यह आसान है। तो देर किस बात की अभी आपके जीवन को बेहतर बनाने वाले / Self Improvement Tips For Life को पढ़ें और अमल करें |

व्यायाम और ध्यान / Exercise and meditation

मैं अपने हर Self Development Related Post पर Exercise (व्यायाम) का Tips जरूर Include करता हूँ। इसका कारण ही कि व्यायाम द्वारा अपनी अपनी शक्ति को बढ़ाते हैं, न सिर्फ शारारिक शक्ति बल्कि मानसिक शक्ति भी।

व्यायाम द्वारा आप आप अपनी शक्ति को बढ़ाते हैं और ध्यान द्वारा आप अपनी फोकस को बढ़ाते हैं। आप को यह बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए की कोई भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए शारीरिक शक्ति के आलावा मानसिक शक्ति की जरूर भी रहती है। इसलिए योग और ध्यान को जरूर अपनाएं।

खुद से प्यार करो / Love Yourself

Self Improvement की यह पहली और सबसे Important Tips है ; ‘खुद से प्यार करो !’ शायद यह कहना आसान है और आपको लगता है कि आप ऐसा करते भी हैं ! पर क्या वास्तव में आप ऐसा करते हैं ? शायद नहीं ! कहीं न कहीं हम अपने आप को कोसते रहते हैं | आपको यह स्वीकार करना सीखना होगा कि आप कौन हैं और आप वैसे ही सुंदर हैं जैसे आप हैं। आप अपनी इम्पोर्टेंस समझिये ! यदि आप किसी से तुलना करने बैठेंगे तो आप हमेशा असंतुष्ट रहेंगे। और ऐसा करके आप अपने सबसे बड़े दुश्मन बन जाते हैं। हर कोई अपनी अपनी जगह ख़ास है को अच्छा अकाउंटेंट है तो कोई अच्छा डॉक्टर है। लेकिन वो अच्छा अकाउंटेंट और अच्छा डॉक्टर इसलिए ऐसे हैं क्योंकि वो जानते हैं को वो ऐसे हैं। वो दोनों यदि एक दूसरे से तुलना करेंगे तो क्या वो ऐसे रह पाएंगे। आपको खुद को यह आभास करना होगा की आप कितने ख़ास हैं।

अपनी आदतें बदलें / Change your habits

दोस्तों आपने पढ़ा होगा, ‘आप अपनी आदतें बदल कर अपना जीवन बदल सकते हैं।’ हर व्यक्ति अपनी आदतों का गुलाम होता है। आप सुबह जल्दी उठ कर अपने लिए समय को बढ़ा सकते हैं जिसमे आप व्यायाम और ध्यान, बुक रीडिंग, नई लर्निंग कर सकते हैं या फिर देर से उठने की आदत से अपनी दिन को छोटा कर सकते हैं। इसी तरह गलत आदते आपको गलत रस्ते पर ले जाती हैं और सही आदते आपको सही रास्ते पर ले जाती हैं।

लक्ष्य जरूर बनाये / Must make goals

जब आप अपनी आदतों को बदलते हैं, तो आपको अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करने पर भी ध्यान देना चाहिए। लक्ष्य (Goal)  हमारे जीवन को दिशा देता है। जीवन में हम कितना सफल हुए यह  इस बात पर निर्भर करता है कि हमारा लक्ष्य क्या था।लक्ष्य रखना एक नक्शा होने जैसा है। आप जानते हैं कि आप कहाँ जा रहे हैं, यह आपको प्रेरणा देता है। आप अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं। और सबसे अहम् आपको जीवन जीने का एक मकसद मिल जाता है। जिस प्रकार एक घर बनाने के लिए एक योजना का होना महत्वपूर्ण है उसी प्रकार जिंदगी को बनाने के लिए भी एक योजना, एक लक्ष्य का होना बहुत जरूरी होता है।

असफलता को स्वीकार करें / Accept failure

सफल होने के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप असफलता को भी स्वीकार करें। जब आप अपने कंफर्ट ज़ोन से आगे बढ़ते हैं, तो आप अपने को बेहतर बनाने के रूप में बढ़ रहे होते हैं। यह स्वाभाविक है कि आप असफल होंगे। असफल होने का मतलब यह नहीं है कि आप हार गए। असफल होने का मतलब है की यह प्रयास सफल नहीं हुआ। इस विश्वास को झूठ मत मानो कि विफलता एक बुरी बात है। यह केवल एक बुरी बात है अगर आप इससे कभी नहीं सीखते हैं।

हमेशा सीखते रहें / Always learning

एक नया कौशल अर्जित करना अपने आप में विश्वास पैदा करता है। जब हम कुछ नया सीखते हैं, तो हम उत्साहित हो जाते हैं और अधिक सीखने के लिए उत्सुक होते हैं। इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है और हम बढ़ते हैं और अधिक सीखना चाहते हैं। यह एक ऐसा चक्र है जो खुद को ईंधन देता है।

आभारी होना / To be grateful

एक बेहतर ज़िन्दगी के लिए यह ज़रूरी नहीं है की आपके पास बेहतर चीज़े होनी चाहियें। बल्कि आपके पास जो है उसे बेहतर समझें। यदि आप उन चीज़ो के लिए दुखी रहते हैं तो आप उन चीज़ो का भी आनंद नहीं ले पाते जो आपके पास हैं। व्यक्ति की अभिलाषाएं कभी शांत नहीं होती। यदि आप उसे चीज़ के लिए दुखी हैं जो आपके पास अभी नहीं है तो क्या इस बात की गारंटी है कि वो चीज़ मिलने के बाद आप खुश रहने लगेंगे।

 


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