घर पर बच्चो को कैसे पढाये बिना डराए ☑ How To Teach Children At Home Without Scaring Them In Hindi
कोरोना काल में बिना स्कूल गये बच्चे बिगड़ रहे है ☑ Children are deteriorating without going to school in the Corona era in Hindi
आज के समय में कोरोना के कारण अधिकतर माता -पिता (Parents) की परेशानी है अपने बच्चों को पढ़ाना, अक्सर बच्चे आसानी (Easily) से पढने के लिए मानते नहीं है तो उन्हें पढ़ाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है | कई माता -पिता तो कभी गुस्से में बच्चों पर हाथ भी उठा देते हैं, परन्तु ऐसा कभी भी नहीं करना चाहिए जितना हो सके बच्चों को आसानी से और समझदारी से पढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए | दुनिया (world) भर में फैले इस जाने लेवा संक्रमण (Pandemic) ने कई चीजों पर रोक लगा दी हैं | ज़िन्दगी पहले से कई ज्यादा मुश्किलों से भर गया हैं | ऐसे में सरकारी निर्देशन यही हैं की सामाजिक मेल -जौल (Social distancing) से दुरी बनाये रखना होगा, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके | ऐसे में कई स्थानों, जगहों, दफ्तरों (offices), कारखानों (factories), विधायाल्यो इत्यादि को बंद (Close) कर दिया गया हैं | इनके कारण कई बड़ी परेशानियों (Troubles) का सामना करना पड़ रहा हैं | ऐसे में विद्धालय (school) ना जाना और शिक्षा ग्रहण ना करना चिंता का बयेस बन गया हैं | बच्चे पढाई में ध्यान लगा हि नही पा रहे, सारा दिन उन्हें बीएस या तो खेलना होता हैं या अपने पसंदीदा कार्टून देखना होता हैं | ऐसे में माता-पिता दिन रात चिंता (Stress) से भरपूर हैं | उन्हें डर हैं की कही उनके बच्चो का मुस्तकबिल, भविष्य (Future) कही ख़राब ना हो जाये |
घर पर पढ़ाइये इन ख़ास टिप्सो के ज़रिये ☑ Read these special tips at home in Hindi
अब आप चिंतामुक्त होक घर पर पढ़िये अपने बच्चो को नीचे दिए गये ख़ास टिप्सो से | तो चलिए देखते हैं आसान तरीके और ग़ज़ब नुस्खे |

अनुशासन पर देना होगा ज्यादा ध्यान ☑ More attention will have to be given to discipline in Hindi
अनुशासन यानि की तरतीब (Discipline), ये हम सभी के जीवन का एक अहम् महत्वपूर्ण (important) भाग होता है, अनुशासन से ही आपके बच्चों की पढाई का पता चलता है | जिस भी वक़्त जब भी आप अपने बच्चों को पढ़ाना चालु (Start) करते हैं तो सबसे पहले उन्हें अनुशासन सिखाइए, की कैसे (how) वो अपने से बड़ो से बात करे, स्कूल में कैसे बैठे, हर रोज़ सभी को नमस्ते (Greet) करें, कभी स्कूल में किसी से लड़ाई-झगड़ा ना करें आदि | अनुशासन भी पढाई का ही एक हिस्सा है इसलिए बच्चों (Children) को स्कूल भेजने से पहले अनुशासन पर सबसे पहले और सबसे ज्यादा ध्यान दें |
बच्चो को दे चित्रों से रंगीन किताबो तो बढ़ेगी दिलचस्पी ☑Colorful & pictures books will increase interest to children in Hindi
यदि आपका बच्चा बहुत छोटा है तो उसे फोटो वाली किताब, कविताओं वाली किताब या फिर कविताओं वाले वीडियो की मदद (help) से सिखाने की कोशिश करें | छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए कई तरह के खिलौने आते हैं |अपने बच्चे को घर में बांधकर (Tied up) न रखें | बच्चे समाज (Society) में चीजों को देखकर और दूसरे बच्चों से मिलकर भी काफी (Enough) कुछ सीखते हैं |
बच्चों के दोस्तों के समूह पर दीजिये ध्यान ☑ Pay attention to the group of friends of children in Hindi
यदि आपका बच्चा स्कूल या खेलने जाता है तो ज़रूर उनके दोस्त भी होंगे ही तो आप अपने बच्चे के दोस्तों पर ज़रूर ध्यान दीजिये क्योंकि आपके बच्चो के दोस्तों का व्य्वहार, आदत, बोल-चाल आपके बच्चे पर एक बड़ा असर करते हैं. इसलिए आपका बच्चा कैसे बच्चों के साथ खेलता है, स्कूल में कैसे बच्चों के साथ बैठता है आदी. आपके बच्चे की दोस्ती आपके बच्चों के पढाई को बहुत प्रभावित करती है. इसलिए अपने बच्चे के दोस्तों के साथ मिले उनसे बात करें जिससे आपको उनके आदत और व्य्वहार (Behavior) का पता चल जायेगा और आप अपने बच्चे की पढाई पर अच्छे से ध्यान दें सकते हैं |
अपने बच्चों के गृह कार्य को करे चैक ☑ Check your children’s homework in Hindi
अगर आपका बच्चा स्कूल या टूशन से आ जाये तो आप रोज़ाना खुद से उनका होम वर्क चैक करें और बच्चो को अपने साथ बिठाकर उनका गृह कार्य (Home Work) पूरा करवाइए, और गृह कार्य पूरा करवाने के तत्पशचात (After) उसी काम को दुबारा (Again) उनसे करवाए जिससे दिया गया गृह कार्य बच्चों को उसी वक़्त याद भी जायेगा | देखे की वे सही कर रहे हैं की नहीं और रोज स्कूल जाते समय भी उनका गृह कार्य ज़रूर (sure) चैक करें |
बच्चो को थोड़ा ब्रेक ज़रूर दे ☑ Give kids a small break in Hindi
आप अपने बच्चो को लगातार (Continue) पढाई के बीच में थोड़ा समय का ब्रेक अवश्य दें. क्योंकि लगातार पढाई करने से दिमाक (Brain) थक जाता है और बच्चे पढ़ भी नहीं पाते हैं तथा लगातार पढाई से बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव b भी हो सकते हैं, जैसे उनका स्वास्थ्य (Health) उनके सामाजिक जीवन पर इसलिए युवा बच्चों को 25 मिनट से अधिक अध्ययन नहीं करवाना चाहिए, बच्चों को हमेशा (Always) हर 25 मिनट बाद छोटा सा ब्रेक अवश्य दें | जिससे उनका दिमाक ताज़ा (Fresh) रहेगा और वो ज्यादा अच्छे से पढाई करेंगे |
बच्चे चंचल और मनन के सच्चे होते हैं और कच्ची मिटटी की तरह होते हैं उन्हें जिस भी सांचे में ढालोगे वो ढल जाएँगे, तो उन्हें मारिये या डराइये नहीं बस इन तरीको से और प्यार से हैंडल कीजिए हमारा तो बीएस यही कहना हैं | तो मेरे प्रिय पाठको इन नुस्खो के ज़रिये और इन घरेलु टिप्सो की मदद से आप भी बड़ी ही बेहतरीन तरीके से अपने बच्चो को घर पर ही पढ़ा सकते है उन्हें बिना डराए |
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