जोधा-अकबर की अनोखी प्रेम कहानी 💏 Unique love story of Jodha-Akbar in Hindi

एक ऐसी प्रेम कहानी जिसकी मिसाल आज भी भारतीय लोग Indian People देते हैं, वो प्रेम कहानी हैं  वीर योद्धा अकबर और उनकी बेगम जोधा की | इनकी खट्टी-मीठी प्रेम कहानी भारतीय इतिहास Indian History की मशहूर प्रेम गाथा हैं | जोधा एक बेहद सुंदर हिन्दू राजकुमारी Hindu Princess थी, और अकबर एक शूरवीर राजा | हालांकि, जोधा-अकबर की प्रेम कहानी के बारे में इतिहासकारों के अलग-अलग मत है। कई इतिहासकार जोधा-अकबर की कहानी को पूरी तरह सच मानते हैं तो कई इतिहासकारों का मानना है कि जोधा का किरदार इतिहास में कहीं भी देखने को नहीं मिलता है। ईतिहास में जोधा-अकबर की बेमिसाल प्रेम कहानी का कोई पुख्ता प्रमाण देखने को नहीं मिलता है। फिलहाल सच चाहे जो भी हो, लेकिन जोधा-अकबर के प्रेम की यह कहानी कल्पना और वास्तविकता के बीच के अंतर को खत्म करती हैं और हिन्दू-मुस्लिम संस्कृति की एकता की अनूठी मिसाल पेश करती हैं।

अकबर कौन था ? 💞 Who is Akbar ?

love story of Jodha-Akbar
love story of Jodha-Akbar

अकबर का पूरा नाम मुहम्मद जलालुद्दीन था | अकबर के पिता का नाम हुमायूँ था | अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को सिंध के राजपूत किले, अमरकोट में हुआ था। जब अकबर का जन्म हुआ, उस समय हुमायूँ को देश से बाहर निकाल दिया गया था, इसलिए अकबर का अफगानिस्तान में उनके चाचा अस्कारी और उनकी पत्नी ने पालन पोषण किया था। अकबर ने अपनी युवावस्था में शिकार करना और युद्ध करना सीख लिया था, लेकिन अकबर को पढ़ना और लिखना नहीं आता था। अकबर के पिता की मृत्यु जल्दी ही हो गई और उसके बाद अकबर को महज़ 14 वर्ष की ही छोटी उम्र में उन्हें राजसिहासन पर बिठा दिया गया | यह उनके जीवन के शुरुआती दिन थे, उस समय अकबर अपने पिता के मंत्री बैरम खान की एक सक्षम मार्गदर्शिका के अधीन थे।

जोधा बाई कौन थी ? 💞 Who is Jodha Bai ?

जोधा बाई एक राजपूत सुंदर कन्या थी | जिन्हें हीर कुंवर, हरका बाई और कई नामो से जाना जाता हैं | जोधा बाई बेहद खुबसूरत थी | इनके पिता का नाम राजा भारमल था वो एक राजा थे | जोधा बाई शिक्षति थी और अस्त्र -शास्त्र का अच्छा प्रयोग जानती थी और बहुत बुद्धिमान थी |

भारतीय इतिहास की सबसे अधिक मशहूर जोधा अकबर की प्रेम कहानी 💞 Love story of Jodha-Akbar in Hindi

जोधा अकबर का विवाह1962 को मुगल बादशाह अकबर के साथ भले ही राजनैतिक समझौते के साथ हुआ था, परन्तु दोनों की प्रेम-गाथा इतिहास की सबसे मशहूर प्रेम कहानी है। जोधाबाई, मुगल राजा अकबर की सबसे प्रिय और पसंदीदा पत्नी थी, जिन्हें अकबर बेतहाशा प्यार करते थे और काफी मान -सम्मान देते थे | उन्होंने जोधा को कभी मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए नहीं कहा, बल्कि वे जोधा के साथ उनके मुगल शाही महल में हिन्दू रीति-रिवाज एवं पूजा-पाठ की गतिविधियों में भी शामिल होते थे। जोधा-अकबर की प्रेम कहानी हिन्दू-मुस्लिम संस्कृति की एकता की मिसाल कायम करती है साथ ही दोनों धर्मों के लोगों को बिना किसी मनुमटाव और भेदभाव के मिलजुल कर प्रेम भाव से रहने के लिए भी प्रेरित करती है। जब मुगल बादशाह अकबर अपने मुगल सम्राज्य का विस्तार करने में लगा हुआ था, तब अकबर अपनी सैन्य शक्ति एवं ताकत से लगभग पूरे भारत पर अपना कब्जा करना चाहता था।

जोधा-अकबर की प्रेम कहानी की शुरुआत हुई, दरअसल मुगल सम्राट अकबर ने मुस्लिम शासक होते हुए भी जोधा बाई को कभी मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए जोर नहीं डाला औऱ न ही हिन्दू रीति-रिवाज का पालन करने एवं पूजा-अनुष्ठान आदि करने के उन्हें कभी रोका और अकबर का यही रवैया जोधा-अकबर की अटूट प्रेम कहानी का आधार बना | जिसे देख राजपूत राजकुमारी जोधाबाई के मन में भी मुगल शासक अकबर के प्रति प्रेम, सम्मान की भावना पैदा हुई और उन्होंने अकबर को भी हिन्दू रीति-रिवाज एवं संस्कृति से परिचय करवाया। मुगल सम्राट अकबर के द्वारा दोनों धर्म के लोगों को बराबर मान-सम्मान दिया जाता था

जोधाबाई को मल्लिका-ए- हिन्दुस्तान, मल्लिका-ए- मुअज्जमा और मरियम -उर-ज़मानी की भी उपाधि दी गई थी। जोधाबाई सुंदर और रूपवती होने के साथ-साथ अपनी व्यापारिक कुशलता के लिए भी जानी जाती थी।

इन दोनों को विवाह के बाद जहांगीर नाम की संतान भी पैदा हुई, जिसने अकबर की मौत के बाद काफी दिनों तक मुगल राजगद्दी संभाली थी और मुगल सम्राज्य का विस्तार करने में अपनी  महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।जोधाबाई को जहांगीर के शासनकाल के दौरान हिन्दुस्तान की रानी मां के नाम से भी संबोधित किया जाता था, जोधाबाई ने करीब 42 सालों तक हिन्दू मुगल महारानी के रुप में शासन किया। हम कह सकते हैं की वाकई सराहनीय हैं एवं इन दोनो का प्रेम 💞 अजर और अमर है।

 

 


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