आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या है और इसके कितने प्रकार हैं 😲 What is Artificial intelligence and how many types?
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या है?
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) एक टेक्नोलॉजी है जिसकी सहयता से intelligent (बुद्धिमान) मशीनों को बनाया जाता है, यह मशीन बिलकुल इंसानों की तरह सोचती है। अन्य शब्दों में कहा जाये तो, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) एक विधि (method) है जिसका प्रियोग करने पर एक कंप्यूटर, मशीन और रोबोट इंसान की तरह सोचने लगता है| अन्य शब्दों में कहें तो, Artificial intelligence एक विधि (method) है जिसका उपयोग करने पर एक कंप्यूटर, रोबोट और मशीन इंसान की तरह सोचने लगता है।
Artificial intelligence दो शब्दों को जोड़कर बनाया हुआ है पहला artificial और दूसरा intelligence. इसमें artificial से अभिप्राय होता है, इंसानों के द्वारा बनाया हुआ और intelligence का मतलब होता है सोचने की शक्ति। इसलिए इसका पूरा मलतब हुआ इंसान के द्वारा बनाई हुई सोचने की शक्ति। आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को machine intelligence भी कहा जाता है। इसमें मशीन के अंदर इंसान की तरह सोचने और कार्य करने की क्षमता को उत्पन्न किया जाता है जैसे कि- इंसानो की तरह बात चित करना , याद रखना, सीखना, निर्णय लेना और किसी भी समस्या को हल करना आदि। आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) कंप्यूटर साइंस की उभरती हुई टेक्नोलॉजी भी कहते हैं जिसका सीधा लक्ष्य दुनिया भर में Intelligent मशीनो को बनाना है। ताकि मनुष्य के जीवन को और भी ज्यादा सरल बनाया जा सके। Artificial intelligence को हिंदी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहते हैं|
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के प्रकार
(types of Artificial Intelligence)
प्रतिक्रियाशील मशीन (Reactive Machines)
Reactive machine आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का सबसे सरल प्रकार है। यह मशीन बेसिक कार्यों को पूरा करती है। Reactive machine किसी भी memory और Data को स्टोर करके नहीं रखती। यह यूजर की जरूरतों के मुताबिक react करती है, इसलिए इसे reactive machine कहते है। क्यूंकि रिएक्टिव मशीन data और memory को स्टोर करके नहीं रख सकती इसलिए इसका इस्तेमाल future (भविष्य) के कामों के लिए नही किया जा सकता है। Reactive machine केवल वर्तमान समय के कार्यों पर focus करती है। Reactive machines का सबसे अच्छा उदहारण Google का AlphaGo है।
सीमित स्मृति (Limited Memory)
Limited memory एक प्रकार का AI है जो पुराने data को कुछ समय के लिए ही store करके रख सकता है। limited memory का उपयोग खुद से चलने वाली car में किया जाता है। यह कार अपनी आस पास की cars की speed, उनके बीच की दूरी और दूसरी information को स्टोर करके रख सकती है, इसका सबसे बेहतर उदाहरण tesla कार है। यह पुराने डाटा की मदद से भविष्य को predict करने की क्षमता रखती है। Limited memory की मदद से फ्यूचर को predict किया तो जा सकता है लेकिन यह predication पूरी तरह से सही नहीं भी हो सकता। क्योकि यह predication पुराने डाटा के आधार पर किया जाता है।
कमजोर या संकीर्ण एआई (Weak or Narrow AI)
Weak या narrow AI को Artificial Narrow Intelligence (ANI) भी कहा जाता है। Weak AI इंसानों की तरह behave (व्यवहार) नहीं कर सकती। लेकिन parameters और contexts के आधार पर इंसानो के व्यवहार को समझ सकती है। और इंसानो से बाते भी कर सकती है। यह AI किसी विशेष काम को ही पूरा कर सकता है और अपनी क्षमता के बाहर किसी दूसरे काम को नही कर सकता इसलिए इसे Weak AI कहते हैं। IBM का Watson supercomputer इसका एक example है। IBM का Watson supercomputer इसका एक example है। Weak AI अपने काम को पूरा करने के लिए natural भाषा (NLP) का इस्तेमाल करती है।
आत्म जागरूक एआई (Self-Awareness AI)
Self-awareness AI आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का भविष्य है। यह AI बहुत ही ज्यादा intelligent होगा और इनका खुद का emotion (भावनाएं), चेतना और दिमाग होगा। आने वाले समय में self-awareness की वजह से डिजिटल कंप्यूटर या रोबोट इंसानो से भी ज्यादा intelligent और smart हो जायँगे और उस समय की मशीने self-aware होंगी और सही गलत फैसलों का निर्णय स्वयं लेने में सक्षम होगी। हलाकि इस समय self-awareness AI उपलब्ध नहीं है। यह आने वाले समय की एक कल्पना है। इस AI का दिमाग इंसान से भी तेज होगा।
मस्तिष्क का सिद्धांत (Theory of Mind)
theory of mind एक प्रकार का AI है जो इंसान के स्वभाव को समझ सकता है और इंसानों की तरह बात बात भी कर सकता है। सरल भाषा में समझें तो “theory of mind इंसानों के विचारों (thoughts) को समझकर उनसे से बाते कर सकता है। जिस प्रकार दो मनुष्य आपस में बाते करते है ठीक उसी प्रकार theory of mind में भी कंप्यूटर और इंसान आपस में बाते कर सकते है। लेकिन theory of mind तकनीक अभी पूरी तरह से develop नहीं हुई है। इस तकनीक पर अभी रिसर्च जारी है।
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