क्रेडिट कार्ड क्या होता है? इसके क्या फायदे है और क्या नुकसान है? जानिए विस्तार से, हिन्दी में

क्रेडिट कार्ड या उधार पत्रक एक छोटा प्लास्टिक कार्ड है, जो एक विशिष्ठ भुगतान प्रणाली के उपयोगकर्ताओं को जारी किए जाते है। इस कार्ड के द्वारा धारक इस वादे के साथ वस्तुएं और सेवायें खरीद सकते हैं कि बाद में वो इन वस्तुओं और सेवाओं का भुगतान करेगा। कार्ड का जारीकर्ता, कार्ड के द्वारा उपभोक्ता को उधार की सीमा देता है जिसके अन्तर्गत एक उपयोगकर्ता खरीदी हुई वस्तुओं के भुगतान के लिए पैसे प्राप्त कर सकता है और नकद भी निकाल सकता है।

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क्रेडिट कार्ड के बारे में सभी जानकारी

क्रेडिट कार्ड एक फाइनेंशियल टूल है, जो आपको क्रेडिट पर प्रॉडक्ट खरीदने की सुविधा देता है, और आप देय तिथि से पहले उपयोग किए गए क्रेडिट का पुनर्भुगतान कर सकते हैं. ब्याज से बचने के लिए, आपको देय तिथि के भीतर क्रेडिट राशि का पुनर्भुगतान करना चाहिए.

क्रेडिट कार्ड प्रत्येक प्रकार के अनुसार निर्धारित लिमिट के साथ आते हैं. आपके सिबिल स्कोर, इनकम प्रोफाइल आदि जैसे कई पैरामीटर प्री-अप्रूव्ड लिमिट वाले प्रकार के लिए आपकी पात्रता को निर्धारित करते हैं. क्रेडिट कार्ड अलग-अलग विशेषताओं और लाभों की रेंज के साथ तैयार किए जाते हैं, जो हर कार्ड में अलग-अलग होते हैं. उदाहरण के लिए, आपको एक प्रकार के कार्ड में वेलकम बोनस पॉइंट, एक्सेलरेटेड पॉइंट, एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस और अन्य लाभ मिल सकते हैं, जबकि दूसरे कार्ड में अन्य लाभ मिल सकते हैं. आप कार्ड के लिए अप्लाई करते समय विशेषताएं और लाभ चेक कर सकते हैं.

क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड में क्या फर्क उर अंतर है ?

क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के बीच मुख्य अंतर यह है कि जब आप डेबिट कार्ड स्वाइप करते हैं तो पैसे आपके बैंक अकाउंट से काट लिए जाते हैं. क्रेडिट कार्ड के मामले में, पैसे आपकी क्रेडिट लिमिट से लिए जाते हैं.

आप लगभग सभी उत्पादों और सेवाओं के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन भुगतान करने के लिए क्रेडिट कार्ड को स्वाइप कर सकते हैं. क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने और इसका उपयोग शुरू करने के बाद, सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा उधार ली गई या उपयोग की गई राशि का भुगतान निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जाए, ताकि आप दंड शुल्क से बचे रहें. आपके क्रेडिट कार्ड का विवरण जारीकर्ता के साथ सुरक्षित रूप से स्टोर किया जाता है. धोखाधड़ी से बचने के लिए, अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी किसी के साथ शेयर न करें.

प्रोसेसिंग

क्रेडिट कार्ड आज के दौर में क्रेडिट कार्ड दैनिक आवश्यकता बन गया है। खरीदारी से लेकर कई जरूरी कार्यो में लोग क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करते हैं, लेकिन एक तरफ जहां यह सुविधा कई अर्थों में लोगों के लिए लाभप्रद है, तो इसके कई नुकसान भी देखने में आ रहे हैं। क्रेडिट कार्ड का गलत तरीके से प्रयोग जैसे मामले आए दिन समाचारों में होते हैं। जब कार्ड से भुगतान करते हैं, तो उसका अभिलेख कहीं न कहीं तो एकत्रित होता ही है। यह ईडीपी प्रोसेसिंग द्वारा होता है:-

ईडीसी प्रोसेसिंग

जब ग्राहक किसी उत्पाद या सुविधा के लिए कार्ड द्वारा भुगतान करता है, तो कार्ड की जानकारी मैनुअल प्रविष्टि, कार्ड इंप्रिंटर, प्वांइट ऑफ सेल टर्मिनल, वर्चुअल टर्मिनल में रिकॉर्ड हो जाती है। उसके बाद भुगतान का सत्यापन किया जाता है, फिर विक्रेता/दुकानदार को भुगतान प्राप्त होता है। कार्डधारक खरीदारी के लिए भुगतान करता है, फिर व्यापारी अधिग्राहक को ट्रांजेक्शन जमा (सब्मिट) करता है। इसके बाद ग्राहक के सत्यापित करने के बाद ही लेन-देन (ट्रांजेक्शन) हो जाता है। इसके बाद बारी आती हैबैचिंग की। ट्रांजेक्शन के अधिकृत होने के बाद यह बैच के रूप में स्टोर हो जाता है। अधिग्राहक कार्ड एसोसिएशन के द्वारा जत्थे (बैच) के रूप में ट्रांजेक्शन भेजता है। एक बार अधिग्राहक को जब यह पैसा मिल जाता है, तब दुकानदार को पैसा प्राप्त होता है। आजकल कई क्रेडिट कार्ड कंपनियों ने मोबाइल फोन के जरिये भी क्रेडिट कार्ड का काम चलाने का प्रावधान किया है। उनके अनुसार ये लेनदेन पूरी तरह सुरक्षित है और इसके लिए एक पिन संख्या की आवश्यकता होती है।


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