इसरो क्या है – What Is ISRO
ISRO(इसरो) का मतलब या फुल फॉर्म Indian Space Research Organisation (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन) होता है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान भी कहते हैं।
इसरो का नाम लेते ही भारत की गौरव की गरिमा आंखों के सामने आ जाती है।/The dignity of India’s pride comes in front of the eyes as soon as the name of ISRO is mentioned. सिर्फ इसलिए क्योंकि भारत को विकास की ओर ले जाने के लिए यह एक ऐसा संगठन है, जो भारत को एक अच्छी टेक्नोलॉजी सुविधा प्रदान करता है। आपको बता दें कि ISRO भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया ऐसा संगठन है,/Let us tell you that ISRO is such an organization established by the Government of India, जो भारत को अंतरिक्ष संबंधी गतिविधियां प्रदान करता है, जिससे कि हमें अंतरिक्ष की आंतरिक और बाहरी जानकारी और सुरक्षा प्रदान होती है
आपको यह जानकर काफी खुशी होगी कि ISRO के प्रयास के कारण ही भारत विश्व का छठा ऐसा देश बन गया है, जो स्वयं सेटेलाइट और अन्य उपकरण का निर्माण करके उसे स्वयं अंतरिक्ष में स्थापित कर सकता है।/You will be very happy to know that due to the efforts of ISRO, India has become the sixth country in the world, which can itself manufacture satellites and other equipment and install them in space. भारत में इसरो का मुख्यालय बेंगलुरु में है।इसके साथ ही देश भर में इसके 6 प्रमुख केंद्र है।आप इस बात से परिचित है कि साल 2019 में इसरो ने chandrayaan-2 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, जिसका पूरा श्रेय इसरो और इससे जुड़े वैज्ञानिकों को जाता है।यही वजह है जिसने इसरो को दुनिया का शीर्ष 5 सबसे बड़े आंतरिक एजेंसियों में शामिल कर लिया है।आपको यह जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि अभी तक अंतरिक्ष में इसरो 370 से ज़्यादा उपग्रह भेज चुका है, जिसमें से 101 भारत के लिए और 269 विदेशों के लिए शामिल हैं।
इसरो(ISRO) क्या है? What Is ISRO
इसरो भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान है, यह दुनिया के सबसे अग्रणी और कामयाब अंतरिक्ष अनुसन्धान केंद्रों में से एक है।
- इसरो भारत के लिए बहुत सारे अलग-अलग तरह के उन्नत सेटेलाइट बनाता है और उसे अंतरिक्ष में स्थापित करता है।
- अलग-अलग तरह के सैटेलाइट जो इसरो बना चुका है, वह है ब्रॉडकास्ट कम्युनिकेश, वेदर फोरकास्ट, ज्योग्राफिक इनफॉरमेशन, डिस्टेंस एजुकेशन, टेलीमेडिसिन, कम्यूनिकेशन आदि है।
- स्पेस टेक्नोलॉजी का यूज करके भारत को आगे ले जाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया यह है स्पेस संस्थान अपने मकसद में पूरी तरह कामयाब है।
- आज कम्युनिकेशन के क्षेत्र में भारत कई विकसित देशों से भी आगे निकल रहा है, इसके पीछे इसरो की ही कड़ी मेहनत है।
- इसरो ने भारत की रक्षा टेक्नोलॉजी को भी बहुत आगे बढ़ाने और अपने पर निर्भर होने में बहुत मदद की है।
- इसरो की कामयाबी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि बहुत सारे विकसित देश अपना सैटेलाइट इसरो के माध्यम से स्पेस में स्थापित करवाते हैं।
इसरो (ISRO) का इतिहास History Of ISRO
- इसरो की स्थापना 15 अगस्त उन्नीस सौ 69 को हुई थी,
- और उस समय जब भारत बहुत सारी कठिनाइयों का सामना कर रहा था, तब भी विक्रम साराभाई जैसे आगे की सोच रखने वाले बड़े वैज्ञानिक को इसकी स्थापना का श्रेय जाता है।
- भारत ने अपना पहला सेटेलाइट 1975 में बनाया जिसे आर्यभट्ट नाम दिया गया ,लेकिन अपना खुद का लांच पैड सिस्टम ना होने के कारण, इसे सोवियत यूनियन के द्वारा स्पेस में स्थापित किया गया।
- 1980 में भारत ने अपने लांच पैड सिस्टम से रोहिणी नामक सैटेलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित किया, और दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत आने वाले समय में अंतरिक्ष में बहुत कुछ नया करने वाला है।
इसरो सैटेलाइट प्रोग्राम्स ISRO Satellite Programs
इसरो के कुछ प्रमुख और प्रसिद्ध स्पेस प्रोग्राम से निम्न है-
- इनसैट सीरीज
- आईआरएस सीरीज
- राडार इमेजिंग सैटेलाइट
- साउथ एशिया सैटेलाइट
- गगन सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम
- आईआरएनएसएस सैटेलाइट नेवीगेशन सिस्टम
इसरो के सफल स्पेस प्रोग्राम्स Successful Programs Of ISRO
इसरो के सफलता की एक लंबी कहानी है, और कुछ लोगों को छोड़ दें तो अधिकतर इसरो के प्रोग्राम्स सफल ही हुए हैं
कुछ प्रमुख इसरो के सफल प्रोग्राम उसकी सूची नीचे दी गई है-
- 1975 में 19 अप्रैल को पहले भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट को अंतरिक्ष में लांच किया गया था।
- इसने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक मील का पत्थर चिन्हित किया, क्यों कि यह पूरी तरह से देश में ही डिजाइन किया गया था।
- 2008 को भारत में chandrayaan-1 का पहला चंद्र अभियान पीएसएलवी द्वारा शुरू किया गया था।
- आपको बता दें कि इसकी शुरुआत के बाद इसरो चंद्रमा पर एक और भीतर भेजने के लिए अंतरिक्ष संगठनों की एक सूची बनाई गई थी।
- 2014 में मंगल ग्रह पर भारत का पहला इंटरप्लेनेटरी मिशन लॉन्च किया गया।
- भारत ने अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की कक्षा में एक अंतरिक्ष यान सम्मिलित करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।
इसरो के कुछ असफल स्पेस प्रोग्राम्स
Some Unsuccessful Programs Of ISRO
दुर्भाग्य से इसरो के कुछ स्पेस प्रोग्राम में असफलता भी हाथ लगी है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है-
- रोहिणी टेक्नोलॉजी पेलोड 10 अगस्त 1979 को लांच किया गया था, लेकिन असफल रहा
- insat 1A को 1982 में लांच किया गया था और 1983 में इस से संपर्क टूट गया
- ASLV भी सक्सेसफुल नहीं हो पाया था
- मंगलयान 2 भी आखिरी चरण में हुई कुछ गड़बड़ियों के कारण असफल रहा
क्या नासा इसरो से बेहतर है? Is NASA Is Better Than ISRO
इस बात की पुष्टि हम किसी एक पहलू से नहीं कर सकते हैं।
- आपको जानकारी दे दे कि नासा एक अंतरिक्ष प्रशासन एजेंसी है, जबकि इसरो एक अनुसंधान एजेंसी मानी जाती है।
- नासा बाहरी एजेंसियों से उपग्रहो और रॉकेट के निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री खरीद कर सभी अंतरिक्ष परियोजनाओं का प्रबंधन करता है।
- वही इसरो की बात करें तो वह अपने संगठन और इसकी सहायक संस्था में सभी के द्वारा रॉकेट और उपग्रह विकसित करता है।
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