पोक्सो एक्ट अधिनियम के अंतर्गत विशेष जानकारीयां Special information under the pocso act

एक समझदार और होशियार नागरिक होने के नाते आप सभी नागरिको का हक बनता है की आप सभी को पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के बारे में पूर्ण जानकारी दी जाए जो की आप लोगो के लिए बहुत आवश्यक है तभी आप अपने बच्चों को बाल यौन-शोषण के बारे में बताकर उनको पहले से ही सतर्क कर सकते है साथ ही बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों से छुटकारे के लिए भी आप सभी नागरिको को पॉक्सो एक्ट के बारे में पूरी जानकारी होनी आवश्यक है तभी बाल यौन-शोषण के खिलाफ इस प्रभावी लड़ाई को लड़ा जा सकता है।

पॉक्सो एक्ट फुल फॉर्म |Full form of Pocso Act

पॉक्सो एक्ट की यह फुल फॉर्म, Protection of Children Against Sexual Offence (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंस) है, इसे हिंदी में इसको यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों की सुरक्षा के नाम से ही जाना जाता है। यह पॉक्सो अधिनियम बच्चों को बाल यौन के अपराधों को, यौन उत्पीड़न एवं पोर्नोग्राफी के प्रति संरक्षण देने के लिए बनाया गया है इससे बच्चों के प्रति होने वाले यौन अपराधों को रोका जा सकता है।

पॉक्सो एक्ट है क्या 🙄 What is Pocso act ?

पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) यह भारत सरकार द्वारा बनाया गया एक अधिनियम है पोक्सो एक्ट के अधीन बच्चों के साथ होने वाले यौन-शोषण पर प्रभावी निरोध लगाने और बच्चों को यौन-शोषण, यौन उत्पीड़न एवं पोर्नोग्राफी के विरुद्ध संरक्षण के लिए प्रभावी प्रावधान करे गए है। भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा साल  2012 में पोक्सो एक्ट या पोक्सो अधिनियम को लागू किया गया था जिसके अंतर्गत बाल यौन-शोषण, यौन उत्पीड़न एवं पोर्नोग्राफी के खिलाफ कार्यवाही के लिए काफी सखत प्रावधान कर रखे हैं। इस अधिनियम के अन्दर या अंतर्गत बाल यौन-शोषण का वर्गीकरण और आरोपियों  को सजा के लिए काफी सख्त प्रावधानों को पूरा श्रेणीबद्ध किया गया है।पोक्सो एक्ट  POCSO Act इस प्रकार बच्चों को बाल यौन-शोषण के खिलाफ संरक्षण हेतु प्रभावी पूरे उपाय करता है।

बच्चों के प्रति यौन अपराध Sexual offenses against children

पोक्सो एक्ट के अंतर्गत बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए काफी सख्त सजा का प्रावधान रखा गया है। बच्चो के खिलाफ यौन अपराधों में बच्चों का यौन-शोषण, यौन उत्पीड़न एवं पोर्नोग्राफी को समल्लित किया गया है। POCSO Act के अंतर्गत बच्चों के साथ अश्लील या गलत हरकत करना, या बच्चो के प्राइवेट पार्ट्स को छूना या बच्चों से अपने प्राइवेट पार्ट को टच करवाना, बच्चों को अश्लील या गंदी फिल्म या पोर्नोग्राफिक कंटेंट दिखाना, और बच्चों के शरीर को गलत मकसद से छूना या बच्चों के साथ गलत भावना से की गयी सारी हरकते POCSO Act के द्वारा रेप की श्रेणी में रखी गयी है और इन सभी अपराधों में सख्त सजा का प्रावधान भी करा गया है।

पॉक्सो अधिनियम आवश्यक क्यों हैं Why pocso act is necessary

हम सभी बच्चो को भगवान का रूप मानते हैं । बच्चों का बालक पन मे शारीरिक और मानसिक रूप अपरिपक्व होता है इससे अभिप्राय यह है की बच्चो को समझ नहीं होती उस टाइम पर की कोन सही या गलत टच कर रहा है ऐसे में वह  अपने साथ होने वाली अच्छी या बुरी घटनाओं को अच्छे तरीके से बता नहीं पाते। समाज में गलत नेचर के कुछ लोग बच्चो के इसी बचपने का फायदा उठाते हैं और  बच्चों के साथ यौन-शोषण जैसे गंदी हरकतों को अंजाम देते है। मासूम और छोटे बच्चे इन सभी चीजों के बारे में खुलकर बोल नहीं पाते लेकिन इन घटनाओ का बच्चों के बाल मन पर बहुत गहरा प्रभाव तह असर पड़ता है और वे अपने जीवन भर इन सभी चीजों को भूल नहीं पाते और इन सबसे बाहर नहीं आ पाते। सरकार द्वारा बच्चो के प्रति होने वाले बाल यौन-अपराधों पर प्रतिबन्ध लगाने और अपराधियों को सख्त सजा देने के लिए पॉक्सो अधिनियम को लागू करा गया है।


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